गोवर्धन पूजा व अन्नकूट का है विशेष महत्व, इसलिए की जाती है पूजा
भगवान कृष्ण को 56 विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है

mahendra india news, new delhi
दीपावली से अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसी के साथ साथ अन्नकूट का घरों व मंदिरों में बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा व अन्नकूट का विशेष महत्व है। सिरसा के ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण को 56 विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। साथ ही सामूहिक भोज का आयोजन भी किया जाता है।
ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि यह परंपरा काफी पुरानी है जब श्री कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को देवराज इंद्र की जगह गोवर्धन की पूजा करने की सलाह दी तो सब ने उनकी बात मान ली। यह जानकर देवराज इंद्र बहुत क्रोधित हुए और तेज वर्षा करने लगे। तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर छाते की तरह फैला दिया। करीबन 7 दिनों तक ग्रामीण उसी पहाड़ के नीचे बैठे रहे। देवराज इंद्र को तब अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से माफी मांगी।
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7 दिनों के बाद, श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रख दिया। तभी से प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पर्वत का पूजन कर अन्नकूट पर्व मनाया जाने लगा व भगवान को 56 भोग का प्रसाद निवेदित किया गया। इसके अलावा दूसरा कारण ये है कि भगवान विष्णु के कई आसन हैं। जिनमें कमल भी उनका आसन है। जिस कमल पर भगवान विष्णु विराजमान हैं, उसमें 56 पंखुडय़िां हैं। इसलिए भगवान कृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाया जाता है।
पंडित नीरज भारद्वाज जी के अनुसार इस वर्ष दिवाली महोत्सव चतुर्दशी मे रहेगा सोमवार की सोमावती अमावस्या रहेगा इसके बाद मंगलवार को कार्तिक शुक्ला प्रतिपदा होने के कारण मंगलवार को अन्नकूट करना सर्वोतम रहेगा