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guru purnima: गुरु पुर्णिमा आज, गुरु की सीख किसी भी व्यक्ति का जीवन बदल सकती है

गुरु ही हमें परेशानियों से बचाते हैं
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mahendra india news, sirsa

आज यानि सोमवार को गुरु पूजा का महापर्व आषाढ़ पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा) है। गुरु की सीख किसी भी व्यक्तिका जीवन बदल सकती है। इसके लिए जीवनभर गुरु का विशेष महत्व है। देवशयनी एकादशी 29 जून को थी और इसके बाद गुरु पूर्णिमा का त्योहार आता है यानी देव शयन के बाद गुरु ही हमें परेशानियों से बचाते हैं। शास्त्रों के अनुसार गुरु का स्थान भगवान के बराबर बताया गया है। 

प्राचीन समय में आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। आपको बता दें कि वेद व्यास जी ने वेदों का संपादन किया, उन्होंने इस दौरान महाभारत, श्रीमद् भागवद् गीता, 18 पुराणों की रचना की थी। वेद व्यास की जयंती पर ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है।

सिरसा के ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि गुरु अपने उपदेशों से शिष्य के अज्ञान को दूर करता है। गुरु पुर्णिमा आने का अर्थ ये है कि देव शयन के बाद गुरु का ही सहारा हमेशा रहता है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना गया है।

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पूजा का विशेष महत्व 
हमें आगे बढऩे के लिए गुरु ही राह देता है। गुरु ही एक ऐसा होता है जो चाहता है मेरा शिष्य आगे जाए। गुरु के बिना हमारे जीवन में प्रकाश नहीं आता है, लेकिन गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा का विशेष महत्व है।  गुरू पूर्णिमा पर गुरु को नए वस्त्र, उपहार, शॉल-श्रीफल या अन्य भेंट दे सकते हैं। गुरु को तिलक लगाएं। हार-फूल की माला पहनाएं। गुरु के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। उनके उपदेशों सुनें और उन्हें जीवन में उतारने का संकल्प लें।