Hariyali Teej: इस दिन है हरियाली तीज, जानिए कब तक पूजा करना रहेगा शुभ समय

हर वर्ष सावन माह में आने वाले तीज त्योहार का इंतजार रहता है। वैसे देखे तो हरियाली तीज महिलाओं के सुहाग का प्रतीक पर्व मानी जाती है। हरियाली तीज इस बार 27 जुलाई, 2025 को रविवार के दिन मनाई जाएगी।
तीज पर्व के दिन सुहागिनों इस दिन माता पार्वती का उपवास रखते हुए पति के दीर्घ जिंदगी की कामना करती हैं। हरे रंग के वस्त्र इस पर्व की सबसे बड़ी पहचान है। इस बार हरियाली तीज पर रवि योग बन रहा है, इससे पर्व की शुभता और अधिक बढ़ गई है। शहर की गलियों से लेकर घर-घर तक तीज की तैयारियों का उत्साह साफ झलक रहा है। महिलाओं में हरे वस्त्रों, सोलह शृंगार और मेहंदी की खास धूम है।
पूजा करना रहेगा शुभ:
ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि इस वर्ष हरियाली तीज पर शाम को 7:30 बजे तक का पूजा मुहूर्त विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। महिलाएं तीज के दिन व्रत रखकर अपने पतियों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं कुंवारी कन्याएं योग्य वर के लिए भगवान शिव भोले और मां पार्वती की पूजा करती हैं। हरा रंग सौभाग्य, संतुलन और प्रकृति का प्रतीक माना जाता है, जो इस दिन विशेष महत्व रखता है।
उपाय: हरियाली तीज पर शिवलिंग पर फूल और बेलपत्र चढ़ाकर जलाभिषेक करें।
भगवान शिव जी की आरती
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसानन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला।
शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे।।
ओम जय शिव ओंकारा।। ओम जय शिव ओंकारा।।