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होलिका दहन इस बार इस दिन, जानिए होली से लेकर होलिका दहन का मुहूर्त

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Holika Dahan this time on this day, know the auspicious time from Holi to Holika Dahan
mahendra india news, new delhi

हर वर्ष सभी को फेमस पर्व होली का इंतजार रहता है। क्योंकि यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख पर्व में से एक है, इस पर्व को फाल्गुन मास में मनाया जाता है। ज्योतिषचार्य एसके शर्मा ने बताया है कि इस पर्व को शास्त्रों में एकता और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। होली का पर्व लोगों के मन में प्रेम और विश्वास को बढ़ाने का मौका है। इस दिन सभी पुराने गिले शिकवे को दूर करते हुए, एक दूसरे को गले लगाकर इस स्नेह भरे त्योहार को मनाते हैं। इसी के साथ ही होलिका दहन का मुहूर्त 13 मार्च को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में होलिका दहन कर सकते हैं।

इसी के साथ ही होली से एक दिन पहले होलिका दहन करने की भी परंपरा है, जिसे आत्मा की शुद्धि और मन की पवित्रता से जोड़ा जाता है। हर वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शाम को होलिका दहन किया जाता है, जबकि अगले दिन रंगों की होली मनाई जाती हैं। इस बार होली पर्व की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार होली कब मनाई जाएगी।


इस दिन है होली
ज्योतिषचार्य एसके शर्मा ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन 14 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में 13 मार्च को होलिका दहन है और इसके बाद अगले ही दिन यानी 14 मार्च 2025 को रंगों की होली मनाई जाएगी। 

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शुभ योग
ज्योतिषचार्य एसके शर्मा ने बताया कि पंचांग के अनुसार होलिका दहन पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के साथ धृति योग बन रहा है। वहीं होली के दिन यानी 14 मार्च को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के साथ-साथ शूल योग का भी निर्माण होगा। ऐसे में पूजा पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।

ये है पूजा विधि
होली पर्व के दिन होलिका दहन के दिन सुबह स्नान कर लें।
इसके बाद फिर पूजा स्थान पर गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं।
कच्चा सूत, गुड़, हल्दी,मूंग, बताशे और गुलाल नारियल चढाएं।
इसके बाद मिठाइयां और फल चढ़ाएं।
होलिका की पूजा के साथ ही भगवान नरसिंह की भी उपासना करें।
अंत में होलिका के चारों ओर परिक्रमा करें।


नोट करें : ये दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिषचार्य, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए हम उत्तरदायी नहीं है। धन्यवाद