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Kalki Avatar: कलियुग में इस जगह जन्म लेंगे भगवान कल्कि, जाने आगे की इन भविष्यवाणियों के बारे में...​​​​​​​

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 Kalki Avatar: कलियुग में इस जगह जन्म लेंगे भगवान कल्कि, जाने आगे की इन भविष्यवाणियों के बारे में...​​​​​​​

Kalki Avatar: कलयुग और सतयुग के बीच संधिकाल को लेकर बहुत मान्यता बताई जा रही है। इस का स्कंदपुराण के मुताबिक भी अद्भुत भविष्यवाणी की गई है। आपको बता दें कि स्कंदपुराण के मुताबिक कलियुग के अंतिम में, जब पाप अपने चरम पर होगा, तभी भगवान विष्णु कल्कि के रूप में अवतार लेंगे।

यह वक्तकलयुग और सतयुग के बीच का संधिकाल होगा। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि भगवान कल्कि 64 कलाओं में माहिर होंगे। कल्कि पुराण के मुताबिक यूपी के मुरादाबाद जिले के संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे।

ये भी बताया गया 

इस में ये भी बताया गया है कि कल्कि भगवान, जो विष्णु जी के अवतार हैं, अपने गुरु परशुराम जी से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। परशुराम जी भी विष्णु जी के अवतार माने जाते हैं और उन्हें अमरता मिली हुई है। कल्कि भगवान, परशुराम जी के द्वारा कहने पर भगवान शिव की तपस्या करेंगे। बताया जा रहा है कि इस तपस्या से उन्हें दिव्य शक्तियां मिलेंगी इनसे वे विश्व से अधर्म का नाश करेंगे।

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​कल्कि अवतार कैसा होगा​

​आपको बता दें कि स्कंद पुराण के दसवें अध्याय में स्पष्ट वर्णित है कि कलियुग में भगवान श्रीविष्णु का अवतार श्रीकल्कि के रुप में सम्भल गांव में होगा। इसी के साथ ही अग्नि पुराण के 16वेंअध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण भी किया गया। इस चित्रण के मुताबिक ही भगवान राम की तरह ही कल्कि अवतार ने हाथ में तीर-कमान धारण किया हुआ होगा और वे एक घोड़े पर सवार होकर आएंगे। 

बता दें कि कल्कि पुराण में उल्लेख मिलता है कि भगवान कल्कि हाथ में चमचमाती हुई तलवार लिए सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का अंत करने के लिए आएंगे। 

भगवान कल्कि के होंगे 4 भाई​
इसी के साथ ही ये भी बता दें कि भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि, के बारे में बताया जाता है कि उनके भी 4 भाई होंगे। यह भाई उनके साथ मिलकर धर्म की स्थापना में सहायता करेंगे। उनके नाम होंगे सुमंत, प्राज्ञ और कवि। अपने इन्हीं भाइयों के साथ मिलकर भगवान धर्म की स्थापना करेंगे।

इस से विवाह करेंगे भगवान कल्कि​

इसी के साथ ही ये भी बताया गया है कि कल्कि भगवान, जो विष्णु जी के दसवें अवतार माने जाते हैं, उनकी पत्नी के बारे में उल्लेख किया गया कि वह देवी लक्ष्मी का ही एक रूप होंगी जिनका नाम 'पद्माÓ होगा। श्रीमद्भागवत पुराण के मुताबिक माता वैष्णो देवी, जो भगवान राम से विवाह के लिए कई युगों से तपस्या कर रही हैं।

आगे बताया गया है कि उनकी तपस्या कल्कि भगवान ही पूर्ण करेंगे और उनसे विवाह करेंगे। स्कंदपुराण और कल्कि पुराण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि माता वैष्णो देवी रामावतार के समय से ही तपस्या कर रही हैं।