खाट श्याम बाबा: खाटू श्याम जी को चढ़ाएं मात्र 20 रुपये की यह चीज, मिलेगा बाबा श्याम का साथ

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Khat Shyam Baba: Offer this thing worth only 20 rupees to Khatu Shyam ji, you will get the support of Baba Shyam
mahendra india news, new delhi

हारे का सहारे, बाबा खाटू श्याम हमारा का राजस्थान के सीकर जिले में बाबा श्याम का मंदिर है। इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। भक्तों में बाबा श्याम की आस्था से यहां पर देश के साथ विदेशों से भक्तपहुंचते हैं। आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताएंगे, जो आप बाबा को अर्पित जरूर करें. 


आपको बता दें कि खाटू श्याम जी को गुलाब चढ़ाने के कई धार्मिक और प्रतीकात्मक महत्व हैं। गुलाब के फूल को प्रेम, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि इसे चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है, इसी के साथ ही बाबा श्याम की कृपा मिलती है.

बाबा खाटू श्याम जी को गुलाब चढ़ाने के कई महत्व हैं, मान्यता है कि गुलाब चढ़ाने से बाबा श्याम की कृपा प्राप्त होती है। गुलाब का फूल अर्पित करने से भक्तों के बाबा श्याम के प्रति प्रेम और विश्वास को दर्शाता है। 
 

खाटू श्याम जी को क्यों कहा जाता है सेठों का सेठ
 कहते हैं कि खाटू श्याम जी अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं, जो भी द्वार पर आता है, उसको खुशियां ही खुशियां मिलती है। आज हम आपको बताएंगे कि खाटू श्याम जी को सेठों का सेठ क्यों कहा जाता है. 

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खाटू श्याम जी को सेठों का सेठ' इसलिए कहते हैं क्योंकि वे अपनी उदारता और सहायता करने की क्षमता के लिए पूरे विश्व में पूजे जाते हैं. भक्तों का कहना है कि खाटू श्याम जी हमेशा हारे हुए का सहारा बनते हैं और उनकी सहायता बाबा हमेशा करते हैं। 


खाटू श्याम जी को उनके भक्त उदार और मददगार मानते हैं, बाबा अपने भक्तों की हर संभव मदद करते हैं और उन्हें दुख से बाहर निकालते हैं। 
खाटू श्याम बाबा की आरती ..........

ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।


गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

जो ध्यावे फल पावे, सब दु:ख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।