Khatushyam Aarti : खाटू श्याम बाबा की आरती कर देगी आपके सारे दुखों का नाश, सभी मन्नतें होंगी पूरी
Khatushyam Aarti : राजस्थान में सीकर जिले के अंदर बाबा खाटू श्याम मंदिर के अंदर देशभर से भक्तों की भीड़ लगी रहती है। बाबा खाटू श्याम बहुत लोकप्रिय है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक बाबा खाटू श्याम को भगवान कृष्ण का ही कलयुगी अवतार माना गया है।
बता दें कि इन्हें हारे का सहारा और तीन बाण धारी के नाम से जाना जाता है। अगर बाबा खाटू श्याम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो प्रतिदिन उनकी पूजा कर चूरमा का भोग जरूर लगाएं। इससे शुभ फल की प्राप्ति होगी।
बाबा खाटू श्याम की पूजा-अर्चना जातक के लिए के लिए बहुत ही फलदायी मानी जाती है। आज के वक्तमें बाबा खाटू श्याम मंदिर मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि पूजा के दौरान खाटू श्याम की आरती न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए खाटू श्याम की आरती जरूर करें, इससे खाटू श्याम प्रसन्न होकर साधक की सभी मुरादें पूरी करते हैं।
बाबा खाटू श्याम की आरती
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
गल पुष्पों की माला,
सिर पर मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
नोट: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। इसमें निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। आपसे विनति है कि इसको अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।