रक्षाबंधन के दिन जानिए भाई की कलाई पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन को लेकर इंतजार की घड़ि़यां समाप्त होने को हैं। यानि रक्षा बंधन को लेकर बाजार सज चुके हैं। जगह जगह पर राखियां की खरीद बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए खरीद कर रही है। क्योंकि रक्षा बंधन को लेकर हर साल इंतजार रहता है।
रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। रक्षाबंधन हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 4 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इसका समापन 19 अगस्त की रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
मान्यता के अनुसार रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनसे रक्षा का वचन मांगती है। यह त्यौहार भाई बहन के मजबूत संबंधों को दर्शाता है। इसी के साथ ही यह त्यौहार भाई-बहन के बीच प्यार और विश्वास को भी मजबूत करता है।
भद्राकाल में नहीं बांधी जाती राखी
ज्योतिषचार्य पंडित सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन का त्यौहार भद्राकाल में नहीं मनाया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, भद्राकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भद्राकाल में राखी बांधने से भाई बहन के रिश्तों में खटास आ जाती है।
उन्होंने बताया कि इसलिए भाई बहन को राखी शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए। इसी के साथ ही भद्राकाल में जहां भी शुभ और मांगलिक कार्य, यज्ञ और अनुष्ठान किया जाता है वहां समस्याएं आने लगती हैं।
रक्षाबंधन को लेकर मान्यता
आपको बता दें दें कि रक्षाबंधन को लेकर विभिन्न मान्यताएं भी है। एक प्रचलित कथा के मुताबिक जब महाभारत में भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तो द्रौपदी ने उनकी उंगली से खून को रोकने के लिए अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़ लिया। इसके बाद उनकी उंगली पर बांध दिया था। इसपर भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था।
रक्षाबंधन के दिन जानिए भाई की कलाई पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त,
रक्षा बंधन को लेकर इंतजार की घड़ि़यां समाप्त होने को हैं। यानि रक्षा बंधन को लेकर बाजार सज चुके हैं। जगह जगह पर राखियां की खरीद बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए खरीद कर रही है। क्योंकि रक्षा बंधन को लेकर हर साल इंतजार रहता है।
रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। रक्षाबंधन हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 4 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इसका समापन 19 अगस्त की रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
मान्यता के अनुसार रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनसे रक्षा का वचन मांगती है। यह त्यौहार भाई बहन के मजबूत संबंधों को दर्शाता है। इसी के साथ ही यह त्यौहार भाई-बहन के बीच प्यार और विश्वास को भी मजबूत करता है।
भद्राकाल में नहीं बांधी जाती राखी
ज्योतिषचार्य पंडित सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन का त्यौहार भद्राकाल में नहीं मनाया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, भद्राकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भद्राकाल में राखी बांधने से भाई बहन के रिश्तों में खटास आ जाती है।
उन्होंने बताया कि इसलिए भाई बहन को राखी शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए। इसी के साथ ही भद्राकाल में जहां भी शुभ और मांगलिक कार्य, यज्ञ और अनुष्ठान किया जाता है वहां समस्याएं आने लगती हैं।
रक्षाबंधन को लेकर मान्यता
आपको बता दें दें कि रक्षाबंधन को लेकर विभिन्न मान्यताएं भी है। एक प्रचलित कथा के मुताबिक जब महाभारत में भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तो द्रौपदी ने उनकी उंगली से खून को रोकने के लिए अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़ लिया। इसके बाद उनकी उंगली पर बांध दिया था। इसपर भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था।