Lakhdatar Khatu Shyam: हारे के सहारे खाटू श्याम बाबा के द्वार पर कदम रखते ही दूर हो जाते हैं हर दुख-तकलीफ

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राजस्थान के अंदर पवित्र स्थल बना हुआ है खाटू श्याम, इसे हारे का सहारे, खाटू श्याम भी कहा जाता है। यहां पर
पर कदम रखते ही व्यक्ति को हर दुख-दर्द से छुटकारा मिल जाता है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित यह अद्भुत मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में देश-विदेश से लाखों भक्त दर्शन को आते हैं। मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां लोग अपनी मनकामनाओं और दुखों को एक पर्ची पर लिखकर भगवान खाटू श्याम के समक्ष रख देते हैं। इसके बाद उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी तो होती ही हैं। साथ ही, भक्तों को हर दुख-तकलीफ से छुटकारा मिलता है।
आपको बता दें कि खाटू श्याम बाबा को ये आशीर्वाद मिला कहां से, क्यों लोगों के बीच खाटू श्याम बाबा इतने जग प्रसिद्ध हैं। इस बात से बहुत कम लोग ही अवगत होंगे। आखिर इस मंदिर में भगवान के रूप में केवल सर वाले इस खाटू श्याम भगवान की क्या महत्वता है, इनकी उत्पति कैसे हुई और लोग इन्हें क्यों पूजते हैं। आपको बता दें कि इन सभी सवालों के जवाब बता रहे हैं।
इनको श्री कृष्ण से मिला है वरदान
हिंदू धर्म के मुताबिक यह मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण से खाटू श्याम ने यह वरदान प्राप्त किया था कि उनकी पूजा खुद उनके नाम श्याम से की जाएगी। असल में खाटू श्याम का नाम बर्बरीक था, खाटू श्याम जी बचपन में काफी बलशाली थे, युद्ध की कला उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और अपनी मां मोरवी से सीखी थी।
मध्यकालीन महाभारत में खाटू श्याम भीम के पुत्र घटोत्कच और दैत्य मूर की पुत्री मोरवी के बेटे थे। बचपन से ही वह बहुत वीर थे, उनकी शक्ति और क्षमता से भगवान श्रीकृष्ण इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने बाबा खाटू श्याम को कलियुग में श्याम के नाम से पूजने का वरदान दे दिया था इसलिए इस मंदिर की काफी मान्यता है, ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि उन्होंने जिस व्यक्ति के नसीब में दुख लिख दिए, उन्हें कोई नहीं दूर कर सकता। लेकिन सिर्फ खाटू श्याम बाबा के दर पर कदम रखने वाले व्यक्ति को ही उसके दुखों और पापों से छुटकारा मिल सकता है, तब से ही खाटू श्याम बाबा की पूजा का महत्व लोगों के बीच बढ़ गया।
यहां पर मनोकामनाओं की लगती है अर्जी
आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि भक्त अगर सच्चे भाव से खाटू श्याम के नाम का उच्चारण करें तो उसका उद्धार यहां संभव है, यहां की मान्यता है कि भक्त किसी कारण से अगर यहां खुद नहीं आ पाता तो अपने पहचान वालों के माध्यम एक पेपर पर अपनी मनोकामना या दुख की अर्जी भेज सकता है। खाटू श्याम उनके दुखों को दूर करते हैं, साथ ही मनोकामना को भी एक दो नहीं लाखों बार पूरा करते हैं इसलिए उन्हें लखदातार के नाम से भी जाना जाता है।
आपको बता दें कि यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।