श्री बाबा तारा कुटिया में शिव महापुराण कथा सुनने आए लाखों लोग, पैर रखने के लिए भी नहीं मिली जगह, व्यवस्था देख लोग बोले धन्य है कांडा बुंध
Lakhs of people came to listen to Shiv Mahapuran Katha at Shri Baba Tara Kutia, there was no place even to stand, seeing the arrangements people said Kanda Bundh is blessed

हरियाणा के सिरसा में श्री तारा बाबा कुटिया में शनिवार को श्री बाबा तारा कुटिया में शिव महापुराण कथा सुनने के लिए लाखों लोग आए। श्री तारा बाबा कुटिया में कहीं पर भी पैर रखने के लिए जगह नहीं थी। श्री तारा बाबा कुटिया के मुख्य सेवक गोपाल कांडा व गोबिंद कांडा द्वारा की गई व्यवस्था को देखकर लोग कह रहे थे धन्य है कांडा बुंध जिन्होंने इतनी व्यवस्था कर रखी है। कथा के दौरान दोनों भाई जगह जगह व्यवस्था करते हुए नजर आए। जैसे ही कथा ही समाप्त हुई। शहर में जगह जगह जाम लगा गया। रात्रि के 8 बजे तक शहर में हर कोने पर जाम की स्थिति रही।
आपको बता दें कि श्री तारा बाबा कुटिया में कल शिव महापुराण कथा का अंतिम दिन है। कल भी लाखों की संख्या में भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। कल सुबह 9 बजे से दोपहर बारह बजे तक कथा का आयोजन होगा। कथा
सीहोरवाले कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज कर रहे हैं।
श्री बाबा तारा कुटिया में शिव महापुराण कथा: अगर एक रोम के बराबर परमात्मा अविरल भक्ति को प्राप्त हो जाए तो जीवन सार्थक हो जाता है: पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज
हरियाणा में सिरसा श्री तारा बाबा कुटिया में सीहोरवाले कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि भगवान शिव की कथा विश्व का कल्याण करती है, बिना प्रभु की कृपा के उसकी एक झलक भी नहीं मिलती, शरीर में साढ़े तीन करोड़ रोम होते है अगर एक रोम के बराबर परमात्मा क ी अविरल भक्ति प्राप्त हो जाए तो जीवन सार्थक हो जाता है। शिव की कृपा और उदारता उसी को मिलती है जो शिव का भक्त होता है। उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे शिव की भक्ति नहीं कर सक ते तो एक मिनट ही उसका ध्यान कर लेना, महोदव की कृपा से सब कुछ शुभ ही शुभ होगा, अगर चित्तवृति परमात्मा में नहीं है तो भक्ति व्यर्थ ही चली जाएगी।
प्रदीप मिश्रा श्री बाबा तारा जी कुटिया परिसर में आयोजित श्री शिव पुराण कथा के पांचवें दिन देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। सबसे पहले पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज, गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा और परिवारजनों ने पूजा अर्चना की। व्यासपीठ की पूजा के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज आसन ग्रहण किया। पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की वैवाहिक वर्षगांठ पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने आशीर्वाद दिया।
गोपाल कांडा ने अपनी धर्मपत्नी सरस्वती कांडा के साथ व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया।
इसके गोपाल कांडा, पत्नी सरस्वती काडा, गोबिंद कांडा, पत्नी सरिता कांडा, संगीता कांडा, लखराम कांडा, पत्नी छवि कांडा, पुनीत नारंग, सुशीला कांडा नारंग, हर्षा कांडा बिंदल, संस्कृति कांडा , धवल कांडा, नंदिता कांडा, लाभांशी कांडा, सुमन कंदोई पार्षद,धैर्य कांडा आदि ने पंडित पदीप मिश्रा महाराज जी से आशीर्वाद लिया।
इस मौके पर गोपाल कांडा ने देशभर से आए श्रद्धालुओं और पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज जी का श्री बाबा तारा जी कुटिया और सिरसावासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस सिरसा की भूमि के नीचे सरस्वती नदी बहती है और बाबा सरसांईनाथ की नगरी है उन्हीं के नाम पर सिरसा नाम पड़ा। उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज जी से कहा कि आपने ही पांच कथाओं के श्रवण की बात कही है, दूसरी कथा सिरसा में हो रही है, श्री बाबा तारा जी की कुटिया में पांच कथाएं होनी चाहिए अच्छा तो यही होगा कि आप हर साल शिवपुराण करने करने आओ। उन्होंने शिव पुराण कथा के लिए भी सात दिन की बजाय 15 दिन करने की बात कही।
तुम शिव के हो और शिव तुम्हारा है:मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने कहा कि अगर शिव पर भरोसा है विश्वास है तो शिवालय में जाकर शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाना तो बाबा तुम्हारा हो जाएगा और तुम बाबा के हो जाओगे, जब यह अटूट रिश्ता बन जाएगा तो बाबा तुम्हारे सारे कष्ट हर लेगा, तुम्हारी झोली में खुशियां ही खुशियां डाल लेगा। उन्होंने कहा कि शिवालय में ज्यादा देर तक बैैठने की जरूरत नहीं है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यम कहते हुए जल चढ़ाना और नंदी के कान में अपनी मनोकामना बता देना। शिव बाबा आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।
पूजा टालने के लिए कोई बहाना नहीं चलेगा
मौसम खराब होने पर लोग मंदिर नहीं जाते, यानि बरसात का बहाना कर मंदिर जाना टाल दिया जाता है, मौसम खराब होने पर कार्यालय जा सकते हो दुकान पर जा सकते हो पर मंदिर नहीं, वाह रे आज के भक्त। अगर घर में कोई विपदा आ जाए तो मौसम नहीं देखा जाता, ऐसे ही शिवभक्त कभी मौसम की परवाह नहीं करता। आपकी बिगडी को केवल महादेव ही बना सकते हैं।
कमाया धन अपने ऊपर जरूर खर्च करो
उन्होंने कहा कि व्यक्ति कमाई में ऐसा लगता है कि तिजोरियां भरने में लगा रहा है, बच्चों की खुशी पूरी करने में लगा रहता है पर एक वक्त ऐसा आता है जब बच्चों को माता पिता की खुशियों की चिंता नहीं होती, ऐसे में अपनी खुशियों के लिए अपना कमाया गया धन अपने ऊपर खर्च करना सीखा क्योंकि हसंने और मुस्कराने का नाम ही जिंदगी है। उन्होंने कहा कि कभी कुत्ते को हंसते हुए देखा है क्योंकि हंसना मनुष्य जीवन में ही संभव है, कितनही परेशानी में तो कितने ही तनाव में हो बस मुस्कराते रहो। उन्होंने कहा कि किसी भी देवी देवता को देखना उनकी हंसती हुई, मुस्कराती हुई मूर्ति नहीं मिलेगी पर भोले शंकर की मूर्ति देखना वे मुस्कराते हुए मिलेंगे। उनके सिर पर गंगा है, चंद्रमा है, गले में सांप है, गले में विष है, धतूरा है फिर भी मुस्कराते है।
शिव को राजी कर लो पार्वती प्रसन्न हो जाएंगी
उन्होंने कहा कि अगर आपने भक्ति कर शिव को प्रसन्न कर लिया तो मां पार्वती प्रसन्न हो जाएंगी। मां दुर्गा नौ दिन के लिए आती है और भक्त को पूरे वर्ष खुश रहने का आशीर्वाद देकर चली जाती हैं। मां दुर्गा मुरादेें पूरी करती है मां दुर्गा खुशियों से झोली भर देती है। उन्होंने कहा कि शिव लिंग पर जो जल चढ़ाया जाता है जब वह जल शिवालय से बाहर आता है तो उसके दर्शन करने, उसका स्पर्श करने के लिए 33 कोटि देवी देवता कतार में खड़े होते हैं, इस कहते है शिव की शक्ति, शिव की कृपा।
स्त्री नम:शिवाय ओम का जाप करती है
उन्होंने कहा कि जब स्त्री भगवान शिव की पूजा करती है तो उसे नम:शिवाय ओम का जाप करना चाहिए जब पुरू ष पूजा करता है तो वह ओम नम: शिवाय का जाप करता है पर शिवपुराण के अनुसार स्त्री और पुरूष श्री शिवाय नमस्तुभ्यम का जाप कर सक ते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव तो इतने दयालु है कि अगर शिवालय के आगे से कोई पशु भी निकल जाए तो उस पर भी शिव की कृपा होती है इसलिए शिव को पशुपति नाथ भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार देना, उनसे कहना शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाना है, जब बच्चा ऐसा करना शुरू करेगा तो देखना शिव उनके साथ खड़े मिलेंगे।
जिसके दिल में भोले का वास, उसका नहीं होता बाइपास
उन्होंने कहा कि एक बात जान लेना, जिसने दिल में भोले को बसा लिया यानि जिनके दिल में भोले का वास होता है उनका कभी बाइपास नहीं होता। उन्होंने कहा कि जो भक्त शिवालय में जल चढ़ाकर आ रहा है अगर उसके मुख के दर्शन कर लिए तो उस पर शिव की कृपा जरूर होगी। उन्होंने कहा कि जो असली शिवभक्त होता है वह अपने तिलक का स्पर्श तक नहीं करवाता, वह किसी से निगाह नहीं मिलता, किसी को करीब नहीं आने देता, सदा दूरी बनाकर चलेगा। उन्होंने कहा कि व्रत करने वाला फलाहार करता है पर दूसरो को अपशब्द कहता है झूठ बोलता है, चुगली करता है ऐसे व्यक्ति को कभी भी व्रत का पुण्य नहीं मिलता। आज की कथा के अंत में शिव और श्री बाबा तारी जी आरती हुई जिसमें कांडा परिवार के सदस्य शामिल हुए।