दड़बा कलां गांव के अखाड़ा में तपती गर्मी के बीच चारों तरफ पांच धूनों में जल रही आग के बीच महाराज जिन्दर नाथ की तपस्या

 | 
Maharaj Jinder Nath's penance was being done amidst the burning fire in five fires all around in the Dadba Kalan village arena in Sirsa district amidst the scorching heat
mahendra india news, new delhi

इस समय भयंकर गर्मी से घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। इस तपती गर्मी में पंखों से भी आराम नहीं मिल पा है तो लोग एससी व कूलर का सहारा ले रहा है पर सिरसा जिले के गांव दड़बा कलां स्थित अखाड़ा में योगी  जिन्दर नाथ भीषण गर्मी में लगातार 5 धूनों के बीच तपस्या कर रहे हैं। गांव में सुख शांति के लिए पिछले 13 दिन से गर्म धूनों के बीच बैठे हैं। महाराज 41 दिन तक यानि 9 जून तक धूनों के बीच बैठकर तपस्या करेंगे। तपस्या के अंतिम दिन भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 

 

news

लोगों की जुड़ी है आस्था 
आपको बता दें कि दड़बा कलां के अखाड़ा से काफी आस्था लोगों की है। यहां पर शीशनाथ, बधाईनाथ व सुकराई नाथ की सामधी बनी हुई हैंं। जहां पर सुबह शाम लोग माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं। यहां पर मन्नतें भी पूरी होती है। गांव के लोगो की अपार श्रद्धा है और स्वयं गांव के लोगो का मानना है यहां पर माथा टेकने से उनके काम सफल हुए हैं। 

 

news


महाराज की तपस्या जारी 
अखाड़ा में फिलहाल महाराज की तपस्या जारी है और आग उगलती गर्मी में बाबा आग के 5 धूनों के बीच तपस्या में लीन हैं। यहां पर प्रतिदिन तपती दोपहर में 12 बजे से योगी बाबा छिद्र नाथ महाराज तपस्या पर बैठते हैं। इसके बाद यहां से शंख की धून बजाते हुए दोपहर करीब 2 बजकर 5 मिनट पर खड़े होते हैं। महाराज जिन्दर नाथ 9 बार आग के धूनों के बीच तपस्या कर चुके हैं। दड़बा कलां अखाड़ा में उनकी तीसरी तपस्या है। 

WhatsApp Group Join Now


महिला व पुरूष करते हैं कीर्तन 
अखाड़ा परिसर में यहां पर गांव के लोग बड़ी संख्या में सुबह से पहुंचने लगते हैं। गांव की महिलाएं कीर्तन करती है। मंगल गीतों के बीच महाराज की तपस्या पूरी होती है। गांव के लोगों ने बताया कि डेरा से लोगों की काफी आस्था जुड़ी हुई है। 


सर्दी के मौसम में ठंडे पानी की जलधारा के बीच करते हैं तपस्या 
अखाड़ा में बाबा योगी जिन्दर नाथ सर्दी के मौसम में ठंडे पानी की धारा में तपस्या करते हैं। गांव में सुख शांति के लिए उनकी तपस्या 21 दिनों तक तपस्या चलती है। तपस्या के अंतिम दिन 108 पानी के मटकों के नीचे जलधारा के नीचे तपस्या करते हैं। 

 

News Hub