रक्षा और बंधन दो अलग-अलग शब्द है, सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने वाले को मिलती है ईश्वरीय सुरक्षा: बहन बिंदू
राजयोगिनी बहन बिंदू ने कहा कि रक्षा और बंधन दो अलग-अलग शब्द हैं। सभी को अलग-अलग प्रकार की रक्षा चाहिए, लेकिन वो रक्षक कौन है, इस का ज्ञान भी होना परम आवश्यक है। हमें रक्षा चाहिए, काम, क्रोध, मोह, माया से, बुरे विकारों से, गलत संगत से। एक ईश्वर पिता ही हमारा हर प्रकार से रक्षक है। वो हमेशा यही कहता है कि जिस प्रकार मैं कहंू, उसी प्रकार चलोगे तो मैं हमेशा आपके साथ हूं। राजयोगिनी बहन बिंदू ने हिसार रोड स्थित ब्रह्मकुमारीज, आनंद सरोवर में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में मीडिया के भाई बहनों के लिए आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उनके साथ हिसार रोड स्थित आनंद सरोवर आश्रम की राजयोगा टीचर बहनें बीके रानी तथा बी के विनिता भी मौजूद रही।
बहन बिंदू ने रक्षा का उदाहरण देते हुए बताया कि एक नेता के पास बहुत सारे बॉडीगार्ड होते हैं, लेकिन बावजूद इसके वे नेता की रक्षा नहीं कर पाते। बॉडीगार्ड होते हुए भी उस नेता को कोई भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ईश्वरीय सुरक्षा प्राप्त करने के लिए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें, किसी का बुरा न करें, सभी को समान दृष्टि से देखें तो हर कदम पर परमात्म छत्रछाया में हम सुरक्षित हैं।
राजयोगिनी बहन बिंदू ने रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर कहा कि इस पावन त्योहार के अवसर पर राखी बांधते समय हर बहन अपने भाई से ये संकल्प ले कि वो हर लड़की को बहन की दृष्टि से देखेगा और समाज में ऐसा कोई काम नहीं करेगा, जिससे समाज का अहित हो। भाई भी अपनी बहन से ये संकल्प ले कि वो हर लड़के को अपने भाई की दृष्टि से देखेगी। अगर ये सोच समाज में आ जाए तो समाज में हो रही बलात्कार जैसी शर्मनाक घटनाओं को समाप्त किया जा सकता है।