Sankashti Chauth: संकष्टी चौथ बुधवार को संयोग बनने से गणेश जी की पूजा से बीमारियों और परेशानियों से राहत मिलेगी

mahendra india news, sirsa आषाढ़ माह की 7 जून को पहली चतुर्थी रहेगी। कृष्ण पक्ष में होने से ये संकष्टी चौथ रहेगी। इस बार बुधवार का संयोग बनने से व्रत में गणेशजी की पूजा का शुभ और बढ़ जाएगा। इस दिन ब्रह्म और महालक्ष्मी योग बन भी बन रहा है। जिससे ये व्रत और खास हो जाएगा। हर माह आने वाली संकष्टी चतुर्थी पर गणेशजी की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है। इससे हर तरह की परेशानियां दूर होने लगती हैं।
गणेश जी के कृष्ण पिंगल रूप में पूजा
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर गणेश जी के कृष्ण पिंगल रूप की पूजा करने का विधान बताया गया है। मान्यता के अनुसार गणेश जी पूजा से बीमारियों और परेशानियों से राहत मिलने लगती है। इस दिन बारह नामों से गणेशजी की पूजा की जाती है। हर एक नाम बोलने के बाद दूर्वा चढ़ाएं। पूजा पूरी होने के बाद मोदक का भोग लगाएं।
सिरसा के ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि आषाढ़ माह की 7 जून को पहली चतुर्थी रहेगी। संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी। संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है, जिसका अर्थ है कठिन समय से मुक्ति पाना। इस दिन भगवान गणेश का सच्चे मन से ध्यान करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और लाभ प्राप्ति होती है।