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सिरसा में श्री राम कथा : यह प्रकृति हमारी मां है, इसी से हमारा जीवन गतिमान : त्रिपदा भारती

प्रभु श्रीराम के चरणों से स्नेह करने वाले का कल्याण संभव है
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प्रभु श्रीराम के चरणों से स्नेह करने वाले का कल्याण संभव है

mahendra india news, new delhi

haryana के सिरसा में स्थानीय नेहरू पार्क में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से आयोजित की जा रही 5 दिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिवस की कथा का शुभारंभ पूर्व विधायक अजीत इंद्र सिंह, अशोक वर्मा, संदीप नेहरा, डा. कपिल सिंगला, संजय गर्ग लालगढिय़ा, मान भूप सोनी, राजन मेहता, गुरदेव कंबोज, सुरेंद्र फुटेला, आशीष बजाज, बिमला सिंवर, रूप चंद भागोरिया व चंद्रवती भागोरिया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।

प्रभु श्रीराम के चरणों से स्नेह करने वाले का कल्याण संभव है


इसी के साथ कथा में मुख्य जजमान के तौर पर विरेंद्र गुप्ता व ऋ षु जिंदल ने शिरकत की। कथा के तीसरे दिन आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी त्रिपदा भारती ने कथा को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा प्रभु श्री राम जी की चरण रज को प्राप्त कर अहिल्या का उद्धार हुआ। यह प्रभु के चरणों का प्रताप है। जो भी उनके चरणों से स्नेह करता है। उसका कल्याण संभव हो जाता है। 

प्रभु श्रीराम के चरणों से स्नेह करने वाले का कल्याण संभव है

इसी के साथ ही साध्वी त्रपदा भारती ने कहा कि श्री राम व जानकी जी का विवाह, जीवात्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है। यही हमारे मानव तन का भी एक मात्र लक्ष्य है। कथा के अंतर्गत उन्होंने पर्यावरण के प्रति भी समाज को जागृत करते हुए कहा कि यह प्रकृति हमारी मां है, इसी से हमारा जीवन गतिमान है। अगर इसी प्रकार हम प्रकृति का दोहन करते रहे तो हमारा अस्तित्व खतरे में आ जाएगा। आज जितनी भी प्राकृतिक आपदाएं आ रही है, उसका कारण भी हमारा लोभ और वातावरण के प्रति हमारा अनुचित व्यवहार ही है।

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 यदि अभी भी हम पर्यावरण के आरक्षण हेतु जागृत ना हुए तो हम अपने अस्तित्व को भी सुरक्षित नहीं कर पाएंगे। साध्वी जी ने कहा कि समस्त शास्त्रों का सार अध्यात्म ज्ञान है, जिसे एक पूर्ण गुरु हमारे भीतर प्रकट करने का सामर्थ रखते हैं। इसलिए अध्यात्म ज्ञान को प्राप्त करने के लिए हमें एक ब्रह्मनिष्ठ गुरू की शरण को प्राप्त करना होगा। साध्वी जी ने कथा में सुमधुर भजनों का गायन  किया गया। इस दौरान कथा का समापन प्रभु की मंगल आरती के साथ किया गया। आरती में अंकित जैन, गुरदेव कंबोज, इंद्रजीत सेतिया, राजेश अरोड़ा, गौरव गुलाटी, रामप्रकाश, रोशन मित्त्तल, रेखा सोनी, खेम सिंह, ललित गोयल ने भाग लिया।