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धर्मनगरी सिरसा की जमीन को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने किया नमन, आकाश मार्ग से पहुंचे सिरसा, जगह-जगह पर की गई पुष्प वर्षा

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Story teller Pandit Pradeep Mishra Maharaj paid homage to the land of the holy city of Sirsa, reached Sirsa by air route, flowers were showered at many places
mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में श्री बाबा तारा जी कुटिया परिसर में सोमवार से 23 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 1:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक शिवपुराण महाकथा का आयोजन किया जाएगा। सीहोरवाले कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज  रविवार शाम को वायु मार्ग से सिरसा वायुसेना केंद्र में पहुंचे जहां पर उन्होंने धर्मनगरी सिरसा की पवित्र भूमि को नमन किया। 

Story teller Pandit Pradeep Mishra Maharaj paid homage to the land of the holy city of Sirsa, reached Sirsa by air route, flowers were showered at many places

पूर्व गृहराज्यमंत्री, हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के अनुज वरिष्ठ भाजपा नेता और मुख्य सेवक श्री बाबा तारा जी कुटिया गोबिंद कांडा और उनके पुत्र धैर्य कांडा ने उनका स्वागत किया और चरणस्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया। हजारों सिरसा वासी उनके स्वागत के लिए वायुसेना केंद्र के बाहर डबवाली रोड़ पर पहुंचे। जैसे ही काफिला बाहर आया तो श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। आस्था और श्रद्धा का सैलाब देख वे काफी अभिभूत हुए। उन्होंने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। सिरसा में जगह जगह पर पुष्पवर्षा कर उनका जोरदार स्वागत किया। उनके  दर्शनों के लिए सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई थी। 

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दुल्हन की तरह सजी श्री बाबा तारा जी कुटिया में देखकर दंग रह गए। बाद में उन्होंने समाधि पर शीश नवाया और शिवालय में जाकर पूजा अर्चना की।   शनिवार शाम को कथावाचक-आध्यात्मिक गुरू पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज हवाई मार्ग से वायुसेेना केंद्र में पहुंचे। जहां पर  वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा, धैर्य कांडा, जलज अग्रवाल आदि ने उनका स्वागत किया। 

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जैसे ही गोबिंद कांडा पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ वायुसेना केंद्र से लेकर बाहर आए तो डबवाली रोड़ पर उनके दर्शनों के लिए पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें एक गाड़ी में सवार किया गया। पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज,  गोबिंद कांडा गाड़ी की सनरूफ के बाहर खड़े हुए थे। सड़क के दोनों ओर खड़े श्रद्धालु उन पर पुष्प वर्षा कर रहे थे। साथ ही गोपाल कांडा और  गोबिंद कांडा के जयकारे लगा रहे थे जिनकी वजह से श्रद्धालुओं को यह कथा सुनने और  पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है। युवाओं में फोटो और वीडियो बनाने की होड़ लगी हुई थी।  जैसे-जैसे काफिला आगे बढ़ता गया श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। डबवाली रोड स्थित सालासर धाम मंदिर में पहुंचकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने पूजा अर्चना की। यहां मंदिर के सेवक गोपाल सर्राफ व अन्य ने पंडित प्रदीप मिश्रा का सालासर धाम मंदिर पहुंचने पर स्वागत किया। काफी संख्या में मौजूद शद्धालुओं ने ओम शिवाय नमस्तुभ्यं के नारे लगाकर उनका अभिवादन किया। इसके बाद प्रदीप मिश्रा महाराज का काफिला लाल बत्ती चौक, आंबेडकर चौक, परशुराम चौक, हिसारियां बाजार, भगत सिंह चौक, घंटाघर चौक, बाबा बिहारी समाधि, संत रविदास चौक, श्री खाटू श्याम मंदिर के सामनेे से होता हुआ कुटिया के मुख्य द्वार पर पहुंचा। हिसारियां बाजार में कैंप कार्यालय के सामने भव्य स्वागत हुआ। व्यापरियों ने पुष्प वर्षा की। 

दुकानदार और ग्राहक सभी ने बाहर आकर  पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज के दर्शन किए। कुटिया के जगह- जगह पर तोरण द्वार बनाए गए थे। दुल्हन की तरह सजी कुटिया को देखकर वे काफी अभिभूत हुए। उन्होंने भगवान शिव की 108 फुट ऊंची विशाल प्रतिमा को देखकर हाथ जोड़कर शीश नवाया। कुटिया परिसर में मौजूूद हजारों श्रद्धालु ने उनका भव्य स्वागत किया। देश के दूसरे राज्यों से आए श्रद्धालु को उन्हें देखकर खुशी के मारे चीखने लगे तो किसी की आंखे खुशी के कारण नम हो गई। कुटिया में उन्होंने श्री बाबा तारा जी की समाधि पर शीश नवाया और बाद में शिवालय में आकर पूजा अर्चना की। बाद में उन्हें संत निवास ले जाया गया, जहां पर उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है।   पुष्प वर्षा और आतिशबाजी रही आकर्षण का केंद्र पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज का काफिला जैसे ही आगे-आग़े बढ़ता गया तो  श्रद्धालु उन पर पुष्प वर्षा करते हुए आगे बढ़ते गए। ऐसा लग रहा था कि शायद फूल मंडी में आज एक भी फूल नहीं बचा होगा। इसके साथ ही हर चौक पर जमकर आतिशबाजी की गई।  श्रद्धालुओं को कई दिन से इस घड़ी की प्रतीक्षा थी, उन्हें  पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज का दीदार और उनके स्वागत का मौका मिलेगा।  सिरसा में शायद पहली बार किसी संत, महात्मा, कथावाचक, आध्यात्मिक गुरू का इतना भव्य स्वागत  हुआ हो।