सिरसा में धूमधाम से निकाली विश्व सम्राट श्री बालाजी महाराज की भव्य एवं अद्भुत शोभायात्रा, मुख्य यजमान गोबिंद कांडा ने की ज्योति प्रज्जवलित

हरियाणा के सिरसा में श्रीराम नाम प्रभात चेरिटेबल ट्रस्ट सिरसा (श्री सालासर धाम मंदिर सिरसा ) की ओर से आयोजित श्री हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में वीरवार को विश्व सम्राट श्री बालाजी महाराज की भव्य एवं अदभुत शोभायात्रा का आयोजन किया गया।
गुुरुवार को मंगलगान के साथ चार दिवसीय श्री हनुमान जन्मोत्सव कार्यक्रम का आरंभ हुआ। पहले दिन सिरसा में विश्व सम्राट श्री बालाजी महाराज की भव्य एवं अद्भुत शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस शोभायात्रा का शुभारंभ बेगू रोड स्थित महाराजा अग्रसेन स्कूल परिसर से हुआ। जहां पर श्री बालाजी महाराज के दरबार में मुख्य यजमान गोबिंद कांडा ने शीश नवाया। उन्होंने ज्योति प्रज्जवलित करते हुए पूजा अर्चना की। पंडित जलराम शर्मा ने विधिवत रूप से पूजा संपन्न करवाई। पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा के अनुज श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने बतौर मुख्य यजमान ज्योति प्रज्जवलित कर व पूजा अर्चना करते हुए धर्मध्वजा दिखाकर शोभायात्रा को रवाना किया।
इसके बाद गोबिंद कांडा ने श्रद्धालुओं को ध्वजा प्रदान की। इस दौरान गोबिंद कांडा ने कहा कि सिरसा धर्मनगरी है और यहां पर सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर त्योहार मनाते हैं। कांडा ने कहा कि धर्मनगरी सिरसा धार्मिक आयोजनों में सर्वोपरि है यह हमारा सौभाग्य है। ऐसे पावन मौके हम सभी को एक-दूसरे से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक कार्यक्रमों लंगर भंडारों में शिरकत करने और प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता करने की ओर युवा वर्ग का रुझान बढ़ता जा रहा है। यह धर्मनगरी सिरसा के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां अधिकांश धार्मिक आयोजन युवा वर्गद्वारा करवाये जा रहे हैं। कांडा ने कहा कि राम भक्त हनुमान जी के जीवन से हमें आदर्श भक्त की पहचान होती है। उन्होंने सभी भक्तो श्री हनुमान जन्मोत्सव व महावीर जयंती की बधाई ओर शुभकामनाएं दी। इस शोभायात्रा में अनेक देवी देवताओंं की झांकियां शामिल थी। अनेक बैंड बाजा पार्टी भजन की धुन बजा रहे थे। श्रद्धालु झूमते गाते हुए आगे बढ़ रहे थे। जगह जगह पर देवी देवताओं की झांकियों पर पुष्प वर्षा की गई। श्री बालाजी के दरबार के समक्ष शीश नवाने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। महाराजा अग्रसेन स्कूल से शुरू हुई यह शोभायात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई श्री सालासर मंदिर धाम में जाकर संपन्न होगी। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की। शोभायात्रा के दौरान जयश्री राम, जय हनुमान, जय बालाजी के जयघोष ने पूरा आसमान गूंजा दिया। हजारों महिला और पुरूष श्रद्धालु हाथों में धर्म ध्वजा लिए शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा में भक्ति की ऐसी गंगा बहती रही थी जिसमें श्रद्धालु भक्तिरस में डूबकी लगाते रहें। इस शोभा यात्रा के दौरान प्रस्तुत की गई झांकियां और कलाकारों द्वारा किए गए नृत्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सिरसा में जगह जगह पर शोभायात्रा पर पुष्पवर्षा की गई। विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने जगह जगह पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और जलपान की व्यवस्था की गई थी।
शोभा यात्रा के दौरान महिला कलाकार ने नंगे पांव तलवार पर खड़ा होकर सिर पर मटकी रखकर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसे उपस्थित श्रद्धालुओं ने जमकर सराहा। शोभा यात्रा की अगुवाई गोपाल सर्राफ, अश्वनी राठी संरक्षक, महासचिच राधेश्याम झूंथरा, कृष्ण कुमार गोयल कोषाध्यक्ष, सत्यप्रकाश गोयल, राजकुमार गोयल चिडावावाले, अमित बांसल, पुरूषोत्तमदास, सुभाष मोगा, शिवशंकर गोयल, दीपक गोपाल गोयल, महेश बंसल, संजीव जैन एडवोकेट, प्राचार्या जपनीत कौर, उप प्राचार्या शिवा गुप्ता, नंद किशोर लढ़ा, संजय गोयल एडवोकेट, राजेंद्र गनेरीवाला, मनमोहन गोयल, संजय साहुवाला, अरविंद बांसल, गौरव गोयल, अनिल सर्राफ, सुनील सर्राफ, मुकेश सर्राफ, पार्षद चन्द्रिका गनेरीवाला, आशा रानी गनेरीवाला, संजय साहुवाला, बजरंग कांडा, पार्षद अंग्रेज बठला, राजीव सैनी, सुमित कांडा,महेश ममेरीवाला, पार्षद मोनिका सर्राफ, जगजीत सिंह पूर्व सरपंच, सुरेंदर मेहरिया, सुदेश पचार, गोपाल कृष्ण चिडावावाले,हरिप्रकाश शर्मा, लक्ष्मण गुज्जर, विजय यादव, सुशील झूंथरा, राजकुमार शर्मा, अश्वनी बांसल, सोनिया शर्मा, रवि शर्मा, मोहित जोशी, अजय खुराना,दीपक सोनी आदि कर रहे थे।
सिरसा के दरबार में बनी हनुमान जी की मूर्ति हूबहू श्री सालासर धाम जैसी है।
राजस्थान के चूरू जिला में स्थित श्री सालासर धाम के जैसा मंदिर सिरसा में भी स्थापित है और इस मंदिर का नाम भी श्री सालासर धाम मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना सन 2002 में की गई थी। इस मंदिर का दरबार सोने-चांदी और हीरे से जड़ा हुआ है। जिस वक्त मंदिर की स्थापना की गई थी उस समय राजस्थान के चूरू में प्रसिद्ध श्री सालासर धाम से पैदल यात्रा करके यहां ज्योति लाई गई थी। दरबार में बनी हनुमान जी की मूर्ति भी हूबहू श्री सालासर धाम जैसी है। मंदिर की स्थापना के बाद से यहां रोजाना हवन किया जाता है. सुबह 5:15 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक पांच बार मंदिर में आरती की जाती है। साल 2002 में मंदिर की स्थापना के बाद से ही जरूरतमंद लोगों के लिए भंडारा भी लगाया जाता है। सिरसा में स्थित इस मंदिर में बाबा के समक्ष मन्नत मांगने के लिए दूर- दराज से आते हैं और ये आस्था है की यहां जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। मन्नत पूरी होने पर यहां पर भी सवामणी का प्रसाद लगाया जाता है।
ज्योति प्रज्वलित होने के बाद दुर होगा विघ्न
श्री सालासर धाम मंदिर की कमेटी के प्रधान गोपाल सर्राफ बताते है की 2002 में तत्कालीन डीसी द्वारा मंदिर के लिए जगह मुहैया करवाई गई थी। प्रधान गोपाल सर्राफ कहना है कि आज तक मंदिर को चंदे की आवश्यक्ता भी नहीं पड़ी। लोग अपनी श्रद्धा से दान करते हैं और उन्हीं पैसों से मंदिर की देखरेख और गरीबों की सेवा भी की जाती है।