आज है कालाष्‍टमी, यह पूजा पाठ करने का सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

मिलेगा बड़ा फायदा, जानिए कैसे करें पूजा पाठ

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मिलेगा बड़ा फायदा, जानिए कैसे करें पूजा पाठ

mahendra india news, new delhi

आज वीरवार को हिंदू मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को कालाष्‍टमी व्रत है। ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि कालाष्‍टमी व्रत रखना और इस दिन बाबा काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करना जिंदगी के तमाम दुख, रोग, संकट, भय आदि दूर करता है, बाबा काल भैरव भगवान शिव के रौद्र रूप हैं, बाबा काल भैरव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। 

आपको बता दें कि तंत्र विद्या से जुड़े लोगों के लिए तो कालाष्‍टमी का दिन विशेष होता है. वे कालाष्‍टमी की पूरी रात बाबा काल भैरव नाथ की पूजा-उपासना करते हैं। इस दिन काल भैरव की पूजा करने के साथ-साथ भगवान शिव का अभिषेक करने का भी बड़ा विशेष महत्व है। ऐसा करने से रोग, दुख, संकट दूर होते हैं साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है. हिंदू पंचांग के मुताबिक पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 3 जनवरी 2024 को रात्रि 7 बजकर 48 मिनट से शुरू हो चुकी है जो 4 जनवरी 2024 की रात्रि 10 बजकर 4  मिनट पर खत्म होगी, कालाष्‍टमी पूजा निशिता काल में करना सबसे शुभ माना गया है. 


ये हैं शुभ मुहूर्त
कालाष्‍टमी पूजा का सुबह का मुहूर्त - सुबह 7.15 - सुबह 8.32
कालाष्‍टमी पूजा का शाम का मुहूर्त - शाम 5.37 -  रात्रि 7.19
कालाष्‍टमी पूजा निशिता काल मुहूर्त - रात्रि 11.49 - देर रात्रि 12.53, 5 जनवरी

कालाष्‍टमी पूजा विधि 
आपको बता दें किकालाष्‍टमी की सुबह के नहा ले। इसके बाद पूजा स्‍थल की अच्छे से साफ सफाई करें, फिर चौकी पर बाबा काल भैरव की मूर्ति स्‍थापित करें, उन पर गंगाजल छिड़कें और फिर फूल अर्पित करें, फिर धूप-दीप करें। काल भैरव के आगे चौमुखी दीपक जलाए। भैरव बाबा को नारियल, पान, इमरती, मदिरा का भोग लगाएं। भैरव बाबा के मंत्रों का जाप करें, आखिर में आरती करें और अपने सारे दुख-बीमारी आदि दूर करने की प्रार्थना करे। 

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