आज शारदीय नवरात्र का प्रथम दिन, देश भर में दुर्गा पूजा और मां के शैलपुत्री रूप का हो रहा पूजन

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आज से नवरात्रों की शुरूआत हो रही है। नवरात्रों को लेकर पूजा की जा रही है। आज नवनात्रों को लेकर मंदिरों में भी काफी भीड़ सुबह के समय देखने को मिल रही है। देशभर में दुर्गा पूजा के पंडाल सज चुके हैं। मंदिरों उत्सव को हाईटेक बनाने के लिए तैयार हैं, मंदिरों लेजर शो और एलईडी प्रोजेक्शन के साथ पृष्ठभूमि में रोशनी होगी।
प्रथम दिन मां शैलपुत्री की हो रही पूजा
ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, नवरात्र का प्रथम दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री को समर्पित है, मां शैलपुत्री सुख-समृद्धि की दाता होती हैं, इसलिए इनकी पूजा जीवन में सुख-समृद्धि की प्रप्ति के लिए होती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक माता शैलपुत्री का जन्म पर्वतराज हिमालय के पुत्री के रूप में हुआ था इसीलिए उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. शैलपुत्री माता पार्वती तथा उमा के नाम से भी जानी जाती है।
शारदीय नवरात्रि 2023 शुभ योग
आपको बता दें कि इस बार 15 अक्टूबर 2023 सोमवार बुधादित्य योग, सुनफा योग, वेशी योग, लक्ष्मी योग के अद्भुत संयोग के साथ देवी आराधना का त्योहार शुरू होना सभी के लिए शुभ और उत्तम रहेगा। इस बार देवी का वाहन हाथी है, हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है। जिसकी वजह से सुखों तथा ज्ञान की वृद्धि होगी. अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. इसलिए ये नवरात्रि आप सभी के लिए शुभ रहेगी। सोमवार को यानि आज आप मां दुर्गा की प्रतिमा, मूर्ति या तस्वीर को कलश के पास एक आसन पर लाल-पीले वस्त्र बिछाकर उसके ऊपर विराजमान करें. फिर शुद्ध जल से अभिषेक के बाद चंदन, रौली, अक्षत, धूप, दीप, नैवैद्य से मां का पूजन करें. नवरात्रि के नौ दिन तक अखण्ड दीपक प्रज्जवलित किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत
ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि भगवान श्री हरि विष्णु को अश्विन मास अति प्रिय है. इसी महीने की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। शक्ति उपासना के इस महापर्व में मां दुर्गा की शक्तियों का पूजन होता है।
नवरात्रों पूजा को लेकर सारे देश में पूजा पंडाल बनकर तैयार हैं। आज जगह-जगह कलश स्थापना की प्रक्रिया पूरी हो रही है। मां भगवती के साधक और समस्त श्रद्धालु अपने-अपने घरों में माता को प्रसन्न करने और अपने परिवार की सुरक्षा और खुशहाली के लिए व्रत रखने के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कर रहे हैं।