छठ पूजा के आज दूसरे दिन खरना से शुरू होगा 36 घंटे का उपवास, जानें इस उपवास के दौरान क्या करें और क्या नहीं

mahendra india news, new delhi
छठ पूजा अभी चल रही है। इस 4 दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत शुक्रवार नहाय खाय के साथ हो चुकी है, आज पर्व का दूसरा दिन खरना है। बता दें कि आज से व्रती के 36 घंटे निर्जला व्रत की शुरुआत करेंगे। इसके बाद शाम के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पर्व के दौरान व्रती बच्चों की लंबी आयु और सफलता के लिए व्रत रखता है। व्रत की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस दिन व्रती स्नान के बाद छठी मैया की पूजा और व्रत की तैयारी करता है, जानें छठ के द्वितीय दिन खरना का महत्व और इस दिन क्या करें और क्या नहीं।
आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक खरना से मतलब साफ और शुद्ध रखना है, खरना का मतलब होता है शुद्धिकरण, इस दिन व्रती सारे दिन उपवास रखता है और शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर प्रसाद के रूप में बनाई जाती है। इस खीर को पहले व्रती ग्रहण करता है और इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है।
इस दिन महिलाएं या पुरुष पूरा दिन व्रत रखती हैं, इसी के साथ ही छठी माता का प्रसाद बनाया जाता है। सभी व्रतों में छठ का व्रत सबसे कठिन माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है, इसी के साथ सूर्यास्त के समय व्रती नदी और घाटों पर पहुंचते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्य देव को दूध और जल से अर्घ्य दिया जाता है और छठी मैया के गीत गाए जाते हैं।
खरना के दिन क्या करें
छठ पर्व पूजा का प्रसाद हमेशा ऐसा जगह बैठ कर बनाएं जहां प्रतिदिन का खाना न बनता हो।
खरना का प्रसाद बनाने के बाद पहले व्रती इसका सेवन करें
किसी शांत स्थान पर ही बैठकर प्रसाद ग्रहण करें
सूर्य को अर्घ्य देने से पहले व्रती कुछ भी खाए पीए नहीं
छठ पूजा के दौरान घर में व्यक्तियों को झगड़ा न करें, इतना ही नहीं, व्रती को इस दौरान किसी भी तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
खरना के दिन भूलकर भी न करें ये काम
कई बार खरना का सामना बच्चे अपने गंदे हाथों से छू लेते हैं. ऐसे में इस सामान का प्रयोग पूजा में भूलकर भी न करें
पूजा के लिए बन रहा प्रसाद पहले नहीं देना चाहिए.
छठ महापर्व के दौरान लोगों को प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
इतना ही नहीं, खरना के दिन साफ-सफाई का खास ख्याल रखें. किसी चीज को गंदे हाथ से न छूएं
-कहते हैं कि छठ के दौरान महिलाओं को चार दिन तक पलंग पर नहीं सोना चाहिए
इस दौरान उन्हें जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए.