वरूथिनी एकादशी: वरूथिनी एकादशी इस दिन, व्रत पर करें मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप, दूर होंगी धन की परेशानी

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Varuthini Ekadashi: On this day of Varuthini Ekadashi, chant these mantras of Goddess Lakshmi while fasting, money problems will go away
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वैशाख माह के अंदर वरूथिनी एकादशी का विशेष महत्व है। इस माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरूथिनी एकादशी का उपवास रखा जाएगा। आपको बता दें कि सनातन धर्म में इस एकादशी का बड़ा महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा करने और उपवास रखने से सभी दुखों का अंत होता है। इसके साथ ही श्री हरि की कृपा मिलती है। 


आपको बता दें कि वैदिक पंचांग के मुताबिक इस वर्ष वरूथिनी एकादशी 24 अप्रैल को 2025 मनाई जाएगी। वहीं, इस दिन मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में सुबह उठकर नहाने के बाद फिर श्री हरि के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें।

इस दिन मां लक्ष्मी को उन्हें कमल का फूल, इत्र और खीर अर्पित करें। इसके बाद माता रानी के 108 नामों का जप करें। फिर आरती करें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होगी। वहीं मनचाहा फल मिलेगा।

।।मां लक्ष्मी के 108 नाम।। 
3. ऊँ विद्यायै नम:

4. ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:

5. ऊँ श्रद्धायै नम:

6. ऊँ विभूत्यै नम:

7. ऊँ वसुन्धरायै नम:

8. ऊँ उदारांगायै नम:

9. ऊँ हरिण्यै नम:

10. ऊँ हेममालिन्यै नम:

11. ऊँ धनधान्य-कर्ये नम:

12. ऊँ सिद्धयै नम:

13. ऊँ स्त्रैणसौम्यायै नम:

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14. ऊँ शुभप्रदायै नम:

15. ऊँ नृपवेश्मगतानन्दायै नम:

16. ऊँ सुरभ्यै नम:

17. ऊँ परमात्मिकायै नम:

18. ऊँ वाचे नम:

19. ऊँ पद्मालयायै नम:

20. ऊँ पद्मायै नम:

21. ऊँ शुचय़ै नम:

22. ऊँ स्वाहायै नम:

23. ऊँ स्वधायै नम:

24. ऊँ सुधायै नम:

25. ऊँ धन्यायै नम:

26. ऊँ हिरण्मयै नम:

27. ऊँ लक्ष्म्यै नम:

28. ऊँ नित्यपुष्टायै नम:

29. ऊँ विभावर्यै नम:

30. ऊँ अदित्यै नम:

31. ऊँ दित्यै नम:

32. ऊँ दीप्तायै नम:

33. ऊँ वसुधायै नम:

34. ऊँ वसुधारिण्यै नम:

35. ऊँ कमलायै नम:

36. ऊँ कान्तायै नम:

37. ऊँ कामाक्ष्यै नम:

38. ऊँ क्रोधसंभवायै नम:

39. ऊँ अनुग्रहप्रदायै नम:

40. ऊँ बुद्धयै नम:

41. ऊँ अनघायै नम:

42. ऊँ हरिवल्लभायै नम:

43. ऊँ अशोकायै नम:

44. ऊँ अमृतायै नम:

45. ऊँ दीप्तायै नम:

46. ऊँ लोकशोकविनाशिन्यै नम:

47. ऊँ धर्म-निलयायै नम:

48. ऊँ करुणायै नम:

49. ऊँ लोकमात्रे नम:

50. ऊँ पद्मप्रियायै नम:

51. ऊँ पद्महस्तायै नम:

52. ऊँ पद्माक्ष्यै नम:

53. ऊँ पद्मसुन्दर्यै नम:

54. ऊँ पद्मोद्भवायै नम:

55. ऊँ भास्कर्यै नम:

56. ऊँ बिल्वनिलयायै नम:

57. ऊँ वरारोहायै नम:

58. ऊँ यशस्विन्यै नम:

59. ऊँ वरलक्ष्म्यै नम:

60. ऊँ वसुप्रदायै नम:

61. ऊँ शुभायै नम:

62. ऊँ हिरण्यप्राकारायै नम:

63. ऊँ समुद्रतनयायै नम:

64. ऊँ पद्ममुख्यै नम:

65. ऊँ पद्मनाभप्रियायै नम:

66. ऊँ रमायै नम:

67. ऊँ पद्ममालाधरायै नम:

68. ऊँ देव्यै नम:

69. ऊँ पद्मिन्यै नम:

70. ऊँ पद्मगन्धिन्यै नम:

71. ऊँ पुण्यगन्धायै नम:

72. ऊँ सुप्रसन्नायै नम:

73. ऊँ प्रसादाभिमुख्यै नम:

74. ऊँ प्रभायै नम:

75. ऊँ चन्द्रवदनायै नम:

76. ऊँ चन्द्रायै नम:

77. ऊँ चन्द्रसहोदर्यै नम:

78. ऊँ चतुर्भुजायै नम:

79. ऊँ विष्णुपत्न्यै नम:

80. ऊँ प्रसन्नाक्ष्यै नम:

81. ऊँ नारायणसमाश्रितायै नम:

82. ऊँ दारिर्द्यध्वंसिन्यै नम:

83. ऊँ देव्यै नम:

84. ऊँ सर्वोपद्रव-वारिण्यै नम:

85. ऊँ नवदुर्गायै नम:

86. ऊँ महाकाल्यै नम:

87. ऊँ ब्रह्माविष्णु-शिवात्मिकायै नम:

88. ऊँ त्रिकालज्ञान-संपन्नायै नम:

89. ऊँ भुवनेश्वर्यै नम:

90. ऊँ चन्द्ररूपायै नम:

91. ऊँ इन्दिरायै नम:

92. ऊँ इन्दुशीतलायै नम:

93. ऊँ अह्लादजनन्यै नम:

94. ऊँ पुष्टयै नम:

95. ऊँ शिवायै नम:

96. ऊँ शिवकर्यै नम:

97. ऊँ सत्यै नम:

98. ऊँ विमलायै नम:

99. ऊँ विश्वजनन्यै नम:

100. ऊँ तुष्टयै नम:

101. ऊँ दारिर्द्यनाशिन्यै नम:

102. ऊँ प्रीतिपुष्करिण्यै नम:

103. ऊँ शान्तायै नम:

104. ऊँ शुक्लमाल्यांबरायै नम:

105. ऊँ श्रियै नम:

106. ऊँ जयायै नम:

107. ऊँ मंगलादेव्यै नम:

108. ऊँ विष्णुवक्षस्थलस्थितायै नम: