इंडिया ने सिंधु जल संधि निलंबित की, जानिए क्यों हैं ये नदियां भारत-पाक के लिए महत्वपूर्ण

 
India suspended the Indus Water Treaty, know why these rivers are important for India-Pak
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 India suspended the Indus Water Treaty, know why these rivers are important for India-Pak
mahendra india news, new delhi

पहलगाव में आंतकी हमला किया गया। इसमें 26 भारत और विदेशी पर्यटकों की जान चली गई। इसके बाद भारत ने कड़ा रूख अपनाया। इंडिया ने पाक के साथ 65 वर्ष पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इसका कारण पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बताया गया है। आपको बता दें कि वैसे देखे तो 1947 के विभाजन के बाद पानी को लेकर दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था। 1948 में भारत ने पाकिस्तान की ओर पानी की आपूर्ति अस्थाई रूप से रोक दी थी। तब संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक के हस्तक्षेप से यह संधि बनी। यह संधि 4 युद्धों और राजनीतिक तनावों के बावजूद बनी रही, लेकिन अब टूट रही है।

आपको बता दें कि यह संधि 19 सितंबर 1960 को भारत के तत्कालीन देश के पीएम जवाहरलाल नेहरू और पाकके राष्ट्रपति अयूब खान के बीच हुई थी। इसमें विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी।

संधि के अनुसार भारत को पूर्वी नदियों रावी, ब्यास, सतलुज का अधिकार मिला। जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम, चिनाब का अधिकार मिला। दोनों देशों को सीमित तरीके से एक-दूसरे की नदियों का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी।


क्या ये नदियां बरसात से भरती हैं?
नहीं, सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी नदियां मुख्यत: ग्लेशियरों से पिघलने वाले बर्फ से पानी बहता हैं। इसमें बरसात का योगदान कम होता है, खासकर मानसून के दौरान। इस वजह से ये नदियां जलवायु परिवर्तन और तापमान में बदलाव के प्रति बहुत संवेदनशील हैं।

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सिंधु नदी के पानी का प्रयोग लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में खेती के लिए होता है। झेलम नदी का पानी जम्मू-कश्मीर की घाटी में चावल, गेहूं, फल की खेती में सहायक होता है। वहीं, चिनाब नदी पंजाब में फिरोजपुर, अमृतसर, लुधियाना जैसे क्षेत्रों में गेहूं, चावल और गन्ने की खेती को सींचती है।

इस निर्णय पर पाक के अंदर प्रभाव
पाकिस्तान यानि पाक की खेती सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है। इसकी 23 फीसद जीडीपी और 68 फीसद ग्रामीण जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। पाक में जल संकट, भूजल की कमी, और खारेपन जैसी समस्याएँ पहले ही हैं। भारत द्वारा संधि तोड़ने पर पाक में अब पानी की कमी से फसलें कम हो सकती हैं, जिससे भोजन की कमी और आर्थिक संकट आ सकता है।

भारत को क्या फायदा मिलेगा?
सिंधु संधि तोड़ने इंडिया को अब झेलम, चिनाब, सिंधु पर बांध और प्रोजेक्ट बनाने में कोई रोक नहीं होगी। अब भारत पानी का डेटा पाकिस्तान से साझा नहीं करेगा। पाकिस्तानी अधिकारियों के निरीक्षण का अधिकार भी खत्म हो जाएगा। रैटल प्रोजेक्ट जैसे अधूरे प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।

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