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सीख: युवाओं को नशे से बचाने के लिए एक बेहद सशक्त कवच बनाने का संकल्प ले रहे है, सचेत हो

नशे को रोकना है तो युवाओं को खुद ही जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी

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नशे को रोकना है तो युवाओं को खुद ही जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी

mahendra india news, new delhi

डा. नरेंद्र यादव ने कहा आज का विषय युवाओं में बढ़ती नशे की आदतों को लेकर है। यह विषय इतना मार्मिक है कि  मुझे बहुत बड़ा दु:ख होता है कि ऐसे ऐसे युवा है जो बेचारे नशे के गटर में फंस गए है। अगर नशे को रोकना है तो युवाओं को खुद ही जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। युवाओं को मैं  सभी समस्याओं के निवारण के लिए सबसे मजबूत हथियार मानता हूं। युवा , एक ऐसी आयु है जो बहुत ही भावुक, ईमानदार,  निष्पक्ष और न्याय के प्रति ईमानदार होती है, युवाओं के जीवन को ही, सब धूर्त लोग इस्तेमाल करते है। उसकी भावना का  इस्तेमाल कर उसके जीवन को ही खतरे में डाला जाता है, वो जितना लोगो का भला चाहता है फिर धूर्त लोग उनको धोखा देते है। 


युवा पीढ़ी ही तो है जो हरेक के लिए काम आते है, सभी सामाजिक कार्य भी तो वो ही करते है, पेड़ पौधे लगाने का काम भी वो ही करते है, देशभक्ति भी सबसे ज्यादा उन्ही में ही है, राजनीतिक लोगो के लिए नारे भी वो लगाते है। सभी जगह स्वच्छता भी युवाओं द्वारा किए जाते है। उन्ही को नशे के दलदल में भी फंसाया जाता है। कुछ लोग नशे का व्यापार करते है, और इस युवा पीढ़ी को ही उसमे फंसाने का काम करते है, मुझे बहुत पीड़ा होती है जब मैं एक बच्चे को नशे की लत से ग्रसित पाता हूं। 

अरे लोगो में इतनी भी संवेदना नही है कि वो कैसे अपने गंदे काम के लिए दूसरो के युवा बेटो को फंसाने का काम करते है। अरे जो युवा देश के काम आते है, देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते है, भारतीय सेना में भी जब जरूरत पड़ती है तो अपने प्राणों की आहुति भी ये ही युवा देते है फिर भी वो कौन लोग है जो युवाओं को गर्त में धकेलने का काम करते है। इस नशे के धंधे में तीन स्थितियां बनती है, और तीन प्रकार के लोग इस में शामिल होते है, पहला नशे को बेचने वाले, नशे से युवाओं को प्रोटेक्ट करने वाले लोग, और तीसरा युवा, जो उसमे फंसाए जाते है। 

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यहां इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि जो धंधा करते है और जो प्रोटेक्ट करने के लिए सरकार से वेतन लेते है वो दोनो ही मिले हुए है, युवाओं की शक्ति को बर्बाद करने में लगे हुए है। ऐसी स्थिति में युवा पीढ़ी , किशोर, और नवयुवक क्या करे, ये सबसे महत्वपूर्ण है। मैं इस विषय में यही सलाह देना चाहता हूं कि युवाओं को नशे से बचाने के लिए युवाओं को खुद ही अपना रक्षक बनना पड़ेगा क्योंकि जो जिंदगी में केवल पैसा ही देखते है वो बहुत खतरनाक है, देशभक्ति के नाम पर कलंक है, अपने बच्चो के भविष्य के लिए दूसरे बच्चो को तबाह कर देते है ये कहां का न्याय है। और जिन लोगो को प्रोटेक्शन का काम दिया है वो भी इन देशद्रोहियों से मिल कर ऐसे मातापिताओ के बच्चो को तबाह करते है जो बेचारे खुद भी रोजी रोटी के चक्कर में फंसे होते है। 

अब समय आ गया कि युवा पीढ़ी किसी पर विश्वास ना करे और अपना प्रोटेक्शन का कवच खुद तैयार करे। यहां मेरा एक सुझाव है कि युवा पीढ़ी ही युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए आगे आएं, इसमें हम सभी मिलकर ऐसा कवच तैयार करेंगे जो निश्चित तौर पर  हमारे युवाओं को नशे से बचाएंगे। सभी युवाओं को एक काम करना है, पहले तो आप सभी को डिमांड की चेन तोडऩी है। हमे सप्लाई पर बिलकुल ध्यान नहीं देना क्यों कि ये ना तो हमारे हाथ में है और ना ही ये रुकेगा।


इसके कई कारण है जिसकी चर्चा करने में समय बर्बाद करने का कोई फायदा नही है। हम इस विषय को लेकर पिछले कई सालों से परेशान है परंतु इसका कोई हल नहीं है, हमने इस बीमारी का हल भी बताया था लेकिन बहुत सालो के बाद भी कोई हल नहीं है बल्कि बढ़ता ही जा रहा है। अब समय आ गया कि हम सभी युवाओं को मिलकर 

इसका एक कवच तैयार करना है जो निम्न तरह से है।
1. जो युवा नशे से दूर है वो अपने साथ 20 टिन एजर या किशोरों अथवा नवयुवकों को अपने साथ जोड़े तथा उनकी मेंटरिंग करे।
2. अपने गांव या शहर के हर वार्ड के  उन बच्चो की लिस्ट बनाएं जो 10 वर्ष से ऊपर है और उन्हें अपनी एडवाइजरी में रखे।
3. हम उन सभी मातापिता से मिले जिनके बच्चे छोटे है यानी जिनकी आयु 10 वर्ष ऊपर है , उनसे बाते करे तथा अपने गांव , मोहल्ले के सभी बच्चो की लिस्ट बना कर उन्हे उन्हे नशे के विनाशकारी रूप को बताया जाए। और उन बच्चो को लगातार संपर्क में रखे।


4. अपने गांव वा शहर में अलग अलग वार्ड में नशा विरुद्ध ग्रुप बना कर वीकली बैठक कर, उन बच्चो को तथा उनके मातापिता को भी सचेत करे।
5. हर गांव तथा शहर के हर वार्ड में नवयुवक संवाद ग्रुप बनाएं जाए ताकि हर नवयुवक अपनी मन के गुबार को निकाल सके।
6. हर गांव एवम् शहर के हर वार्ड में फुटबाल क्लब बनाओ और हर उस बच्चे को जो 10 साल के है या उससे ऊपर है जिससे कि वो नशे को करारा जबाव दे सके।

7. नशे से अपने बच्चो को बचाना केवल और केवल आपकी जिम्मेदारी है, कोई भी नही बचाने आयेंगे। हर गांव या शहर में एक ऐसा युवाओं , बुजुर्गो तथा महिलाओं का ग्रुप होना चाहिए जो गांव में या शहरों के हर वार्ड में अपने बच्चो को नशे से बचाने की जिम्मेदारी ले।


8. गांव और शहर के हर वार्ड के हर बच्चे की मेन टू मेन मार्किंग की जाए तथा है बच्चे को ऐसा वातावरण दिया जाए जो अपने को नशे से बचा सके।

9. अब समय आ गया है कि हर माता पिता सजग हो जाए , यहां ऐसे ऐसे लोग है जो नशा बेचने का धंधा करते है और अपने ही देश के बच्चो को बर्बाद करने मे लगे हुए है और उनको कुछ सक्षम लोग सहयोग भी करते है, हमे युवा मंडलों के माध्यम से हर गांव वा शहर के हर वार्ड में सचेत ग्रुप बने और ऐसे धूर्त लोगो को रोका जा सके।
10. हर गांव वा शहर के हर वार्ड में पांच लोगो का ऐसा ग्रुप बनाएं जो गांव में या शहर के वार्डो में ऐसे लोगो की पहचान करे , जो छोटे छोटे बच्चो अथवा नवयुवकों का भविष्य बर्बाद करने के लिए नशे की सप्लाई गांवों में वा शहरो में किया जाता है। 


11. साथियों जैसे हर युवा मंडल कोरोना के समय में हर गांव में पहरा समिति बनाई थी इसी तरह की समिति बनाई जाए ताकि आपने बच्चो को बचाया जा सके।
 दोस्तो इस नशे से दो दो हाथ करना कोई मुश्किल नहीं है एक प्रयास को जोरों का करो भाइयों और बहनों।
जय हिंद
लेखक
नरेंद्र यादव
नेशनल वाटर अवॉर्डी