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Shri Ram Navami: क्यों है राम ही युवाओं के जीवन का आधार, आनंदमय जीवन जीने के टिप्स

हमारे हर शब्द में है राम, हमारे हर कार्य की शुरुआत में है राम
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mahendra india news, sirsa नेहरू युवा केंद्र हिसार के उपनिदेशक डा. नरेंद्र यादव ने कहा है कि युवाओं जीवन आनंद का नाम है। हर व्यक्ति अपने जीवन मे प्रशन्न रहना चाहता है परंतु जो सिद्धान्त वह अपनाता है वो शायद अधूरे है, वो आधार शायद कमजोर है, विचारों को सशक्तकरना ही तो जिंदगी में खुशियां लेकर आता है। चलो आज हम युवाओ आनंदमय जीवन जीने की कुछ टिप्स परिचर्चा करते है। 

हमारे हर आरम्भ प्रारम्भ में है राम
युवा अवस्था फूल ऑफ एनर्जी होती है फिर भी हमारे युवाओं में आलस्य, अधीरता, अक्षमता,अड़ियलपन,अनादर का भाव न जाने क्या क्या कमियों के साथ वो जी रहा है, अगर युवा अपनी सनातन संस्कृति की ओर लौट चले तो वो जीवन जीने की आनंदमय कला सीख सकता है। राम हमारे जीवन की नींव में है, हमारे है क्रियाकलाप में है राम, हमारे हर शब्द में है राम, हमारे हर कार्य की शुरुआत में है राम , हमारे हर सम्बोधन में है राम, हमारे हर आरम्भ प्रारम्भ में है राम, हमारे हर दुख सुख में है राम, हमारे हर संवाद की शुरआत में भी राम है। 

जब हमारे हर कर्म में राम जी है
हर भारतीय की जीवन शैली में राम आधार है। जब हमारे हर कर्म में राम जी है तो उसे जीवन मे जीने का प्रयास करे तो जीवन जीना आसान हो जाएगा। हमारे युवा पाश्चत्य संस्कृति के पिछलगु बने हुए है। इसी लिए वो कंफ्यूज है वो ये नही समंझ पा रहे कि उन्हें करना क्या है। उन्हें श्री राम जी का वो ब्रह्मचर्य का पालन नही कर पा रहे है, भारतीय संस्कृति तथा स्थानीय क्लाइमेट के अनुसार भोजन नही कर पा रहे है, हमारे युवाओं को अपने प्रकृति के अनुसार ही वेशभूषा अपनानी चाहिए। राम जीवन को प्रकृति की धारा के साथ जोड़ता है। राम है तो हम है।

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राम हमें जीवन की जागरूकता का ज्ञान कराते
युवाओं आप जान लो कि राम हमे जीवन की जागरूकता का ज्ञान कराते है। यानी के हर युवा को आत्मजगरुक्त को मन से ध्यान करना चाहिए जिससे कि एक युवा की मूर्छा अवस्था का नाश हो सके, जीवनशैली में जागरूकता के बीज रौपित किये जा सके। आत्मजागृकता का नाम ही जीवन है।

भगवान राम से ही हमारी हर गतिविधि चलती है जैसे:-
1. हमारा सम्बोधन भी राम से शुरू होता है।
2. किसी कार्य की शरुआत भी " ले राम का नाम" से होता है।
3. हमारी कोई भी यात्रा की शुरुआत राम के नाम से शुरू होती है।
4. हमारा तो स्नान भी हरे राम, राम राम से शुरू होता है।
5. हम आश्चर्य प्रकट करने के लिए भी " हे राम"  कहते है।
6. किसी गलत काम को सुन कर भी हम "राम राम " बोल कर कान पकड़ते है।


7.  जब हम किसी को प्रोत्साहित करते है तो भी " तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार" से प्रोत्साहन करते है।
8. जब भी हमारे यहां कोई मिलते है तो राम राम, राम राम जी, जय सिया राम, राम ही राम अभिवादन करते है।
9. हमारे समाज मे जब किसी के यहां से जाते है तब भी ह्यद्गद्ग 4शह्व नही कहते तब भी राम राम कहकर चलते है।
10. हम अपने घर परिवार में या समाज मे प्रत्येक दिन राम राम से ही अभिवादन करते है।

 हम श्री राम जी से निम्न सीख ले सकते है।
1. आज्ञाकारिता
2. विनम्रता
3. निष्पक्षता
4. न्याय प्रियता
5. नारी सम्मान
6. भाई भाई का प्रेम
7. राष्ट्रीयता
8. विद्वता का सम्मान
9. जीवन मर्यादा
10. सद्भवना
11. मित्रता का भाव।
12. हिम्मत, साहस, उत्साह वर्धन
    

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आओ मिलकर आज राम नवमी कर पावन पवित्र अवसर पर भगवान श्री राम से जीवन जीने की कला सीखे। और अपनी युवा अवस्था को खुद के निर्माण, परिवार की देखभाल, समाज की सेवा में तथा राष्ट्र को समर्पित करें।
लेखक
नरेंद्र यादव
राष्ट्रीय जल पुरस्कार विजेता।