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सबसे कारगर है पीठ दर्द तथा घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए ये आसन, कोई भी आजमा सकता हैं ये आसन

 जानिए इससे और क्या मिलेंगे फायदा 
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mahendra india news, new delhi

लेखक

नरेंद्र यादव
नेशनल वाटर अवॉर्डी
यूथ डेवलपमेंट मेंटर एंड वॉलंटियर ने बताया कि जब भी हम स्वास्थ्य से संबंधित चर्चा करते है तो लोगों को अच्छा लगता है क्योंकि वर्तमान समय में बदप्रहेजी की वजह से अधिकतर व्यक्ति किसी ना किसी तरह से तकलीफ में हैं। इसीलिए ही तो कुछ लोग कैसी भी दवाओं के माध्यम से लोगों को लूटने का कार्य कर रहे हैं, तथा स्वास्थ्य के नाम पर भोले भाले लोगों को बहकाने का कार्य करते हैं। 


मैने ये हमारे ही समाज में देखा है कि साथ रहते हुए भी लोग एक दूसरे का भला नहीं चाहते हैं। हम एक दूसरे के साथ जरूर रहते है लेकिन अधिकतर लोगों का रिश्ता पैसों पर आधारित ही हैं। योग हमारी भारतीय स्वास्थ्य पद्धति है जिसे सभी के लिए मुफ्त उपलब्ध होना चाहिए। साथियों , जिस आसन की मैं चर्चा कर रहा हूं वो एक आसान सा आसन है जो आदि काल से हमारी जीवन शैली में शामिल था लेकिन आज जब से हमारे जीवन में इंग्लिश स्टाइल टॉयलेट सीट आया है तभी से हमारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती चली गई, इसमें भी सबसे ज्यादा परेशानी इंसान की पीठ ,  घुटने तथा सर्वाइकल की समस्या  बढ़ती जा रही हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सिर्फ आसान सा तरीका है कि हम रोज एक छोटा सा आसन करें जिसे नाम दिया गया है, 

उक्कूडू आसन, जिसमें पैरो के भार बैठना हैं, सीधा पैरों पर बैठना हैं,दोनो हाथ घुटनों पर रखकर सीधा बैठना हैं। शायद आपने उक्कुडु  बैठे हुए बहुत से बुजुर्गों को देखा होगा, बहुत से पतले लोग, कुछ गांव में लोग बैठे हुए जरूर देखें होंगे। साथियों, ये आसन जिसने कर लिया उसको पीठ तथा घुटने की समस्या नहीं हो सकती, पहले जब इंग्लिश स्टाइल टॉयलेट सीट नही आई थी तो लोग टॉयलेट में ऐसे ही तो बैठते थे, आप ने छोटे बच्चों को लैट्रिन करते जरूर देखा होगा, यही तो वो तरीका था नीचे बैठ कर टॉयलेट करने का। इसी को उक्कूडू बैठना कहते हैं, आजकल ऐसे बैठना, शहर के लोगो के तो वश की बात रही नही हैं। 

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इस उक्कूडू बैठने से व्यक्ति की रीड की हड्डी खींची रहती थी, और उसकी पोजिशन बाहर की तरफ, अलग अलग मनके दिखते थे,परंतु जब से हमने नीचे बैठना छोड़ दिया है तब से ये समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। पहले लोग खाना भी उक्कूडू बैठ कर ही खाते थे, इसी लिए उनके पेट भी बाहर नही निकलते थे। साथियों, इसका शोध हमने बहुत लोगों पर किया गया है, अगर आपको पीठ में दिक्कत हो रही है तो आप उक्कूडू आसन कर सकते हैं, परंतु अगर स्पाइन का ऑपरेशन करा लिया है तो फिर डॉक्टर की सलाह पर ही सब कुछ करें।  मैं कहता हूं कि निम्न प्रकार आप उक्कूडू आसन कर सकते हैं।


1. अगर आपको ज्यादा दिक्कत है तो आप हर घंटे में तीन से पांच मिनट उक्कूडू बैठे, जिससे आपकी तकलीफ जल्दी मिट सकें।
2. अगर आप उक्कूडू बिना सहारे के नही बैठ सकते है तो आप किसी चीज का सहारा लेकर बैठ सकते है, पांच मिनट बैठ कर फिर लेट जाए।
3. जिनके घरों में भारतीय स्टाइल टॉयलेट सीट नही है वो अपने बच्चों को हर दिन 15 मिनट सुबह तथा 10 मिनट उक्कूडू जरूर बताएं।


4. कुछ लोगों को घुटने के दर्द की  शुरुआत होती है तो वो लोग  अपने दोनो हाथों को घुटनों के पीछे की ओर पैरो के बीच में रख कर उक्कूडू बैठे जिससे दो फायदे होंगे , पहला तो आपका मेरुदंड खींचेगा तथा दूसरा आपके घुटने भी ठीक रहेंगे।


5. उक्कुडू बैठने से पीठ तथा घुटने लचीले बनते हैं, उक्कूडू बैठना तथा उठना भी तो अच्छी अभ्यास हैं।
6. बार बार उक्कूडू बैठने से बाहर निकला पेट भी कम हो जाएगा।


7. बच्चों , किशोरों तथा युवाओं को सुबह व्यायाम करते हुए हर रोज कम से कम 50 मीटर उक्कूडू ही चलना चाहिए जिससे पैरों की क्षमता बढ़ती हैं, और घुटने तथा पीठ भी ठीक रहती हैं।
8. जब से हमारे घरों से इंडियन स्टाइल टॉयलेट सीट निकलने लगी है इसकी वजह से तथा फूड में कैल्शियम कंटेंट कम होने के कारण एवम् विटामिन डी की कमी की वजह से भी हमारी हड्डियां कैल्शियम अब्जॉर्ब नही कर पाती है इस कारण भी आजकल हर उम्र के व्यक्ति में पीठ तथा घुटनों में परेशानी हो रही है। इसमें बहुत फायदा करता है उक्कूडू आसन।


9. अपने सभी बच्चों से फ्रॉग रेस जरूर करानी चाहिए, ये भी उक्कूडू आसन से मिलती झूलती है इससे बच्चों के फेफड़े, पैर, घुटने तथा दिल स्ट्रॉन्ग होता है तथा घुटने भी फ्लेक्सिबल बनते हैं।
10. उक्कुडू बैठने से हर व्यक्ति को अपनी क्षमता का भी आंकलन हो जाता है कि वो शारीरिक रूप से कितना फिट हैं इसलिए सभी को दिन में एक बार तो अवश्य उक्कूडू बैठना चाहिए अगर हो सके तो दोनो हाथ अपने घुटनों के बैक साइड में पैरो के बीच से निकाल कर बैठना चाहिए जिससे स्वास्थ्य ठीक रहें।

  दोस्तों , जीवन तभी तक आनंदमय है जब तक आपका शरीर ठीक है , आपका स्वास्थ्य ठीक हो, अन्यथा जीवन बोझ बन जाता हैं, उस समय चाहे आपके पास कितना भी पैसा हो, संसाधन, गाड़ी घोड़े हो, कुछ भी अच्छा नही लगता। सबसे बड़ा आनंद तो स्वास्थ्य ही है आपकी ऊर्जा ही हैं बाकी तो सब सहयोगी आइटम हैं।इसलिए उक्कूडू आसन करो, स्वस्थ रहो और जीवन में मौज करो, ईश्वर सभी को स्वस्थ करेगा।
जय हिंद वंदे मातरम