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धृतराष्ट्र कौन है ? क्या आज का युवा जानने का प्रयत्न करेगा या फिर खुद समाज में धृतराष्ट्र बन जायेंगे

 यहां कुछ उदाहरण दिए हुए है
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यहां कुछ उदाहरण दिए हुए है

 mahandra india news, new delhi

लेखक

नरेंद्र यादव

नेशनल वाटर अवॉर्डी 

यूथ डेवलपमेंट मेंटर एंड वॉलंटियर

युवा दोस्तों , विषय बहुत गंभीर हैं क्या आप समझने के लिए ऐसा दृष्टिकोण बनाने के लिए तैयार है, अगर आप हैं तो इस पर चर्चा करते है दोस्तों। आज धृतराष्ट्र , समाज के सामने अथवा राष्ट्र के सामने एक सिंबल के रूप में है जो हम सभी को समझने की आवश्यकता है। यहां धृतराष्ट्र कोई व्यक्ति नही , कोई राजा नही है, ये हमारे समाज में, राजनीति में, शिक्षण संस्थान में बैठे हर व्यक्ति पर लागू होता है जो दृष्टि से नही बल्कि दृष्टिकोण से अंधे हैं। धृष्टराष्ट्र तो आंखों से अंधे थे लेकिन समाज  ऐसे ऐसे लोगों से भरा है जो ना केवल आंखों से अंधे है बल्कि वो तो अपने विचारो से भी गूंगे, कानो से  बहरे और आंखों से अंधे हैं। हर वो व्यक्ति धृतराष्ट्र है जो गलत को गलत तथा सच को सच ना कह सकें। मैं बताना चाहता हूं कि कौन कौन लोग धृतराष्ट्र भूमिका में जीवन काट रहे है, जो अच्छे तो है लेकिन वो समाज में वो बोलने की हिम्मत नही रखते, वो सभी धृतराष्ट्र की भूमिका अदा करते है तथा किसी दुर्योधन की गलत गतिविधियों को रोकने में सक्षम नहीं है। यहां कुछ उदाहरण दिए हुए है , जरा पढ़ने का कष्ट करें, जैसे ;

1. जो अपने मोह को सार्वजनिक करें। और समाज पर थोपे।

2. जो समाज और राष्ट्र के हित के आगे अपने स्वार्थ को आगे रखते हैं, वो धृतराष्ट्र हैं।

3. जो अपने नालायक बच्चों तथा मित्रों और गलत संबंध रखने वाले लोगों के सामने राष्ट्र को भी गिरवी रख देते हैं।

4. जो गलत को सही ठहराने में अपने स्वाभिमान को भी बेच देते हैं।

5. जो दूसरों के साथ हो रहे अन्याय को भी सही ठहराने का प्रयास करते है वो धृतराष्ट्र हैं।

6. जो अपने देश की बेटियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ तथा  रेप पर भी अपनी जबान पर बड़ा ताला लगा लेते हैं, वो अंधे है, वो धृतराष्ट्र हैं।

7. जो लोग सड़कों पर लोगों को पीटते देख कर भी रुकते नहीं है वो है असली धृतराष्ट्र हैं।

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8. सड़क पर किसी एक्सीडेंट में चोटग्रस्त व्यक्ति को देख कर भी उसे हॉस्पिटल ले जाने की हिम्मत नही करते, वो है असली धृतराष्ट्र।

9. जो लोग चोरों को भी जस्टिफाई करने के लिए आगे आ जाते है वो है सबसे बड़े धृतराष्ट्र हैं।

10. जिनको अपने बच्चों की धूर्तता तथा अपराध भी अच्छे लगे , वो सबसे बड़े धृतराष्ट्र होते हैं।

11. जिनको दूसरों के घरों में लगी आग भी सुंदर लगने लगे , वो भी  देश के  धृतराष्ट्र हैं। 

12. जो समाज में बेटियों के कपड़ों पर तो लांछन लगा देते है परंतु सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त नहीं करना चाहते है , वो है धृतराष्ट्र है।

13. जो लोग अच्छे लोगों को तो अपनी जान बचाने के लिए कहते है परंतु बदमाशों को सबक सिखाने की हिम्मत नही रखते है वो है असली धृतराष्ट्र ।

14. जिन  लोगों को  अपने ही देश के लोगों के साथ हो रहे अन्याय भी अच्छे लगने लगे तो वो किसी धृतराष्ट्र से कम नही है।

15. जो अपनी बेटियों की सुरक्षा को भी जातियों में बांट दे , वो ही है असली धृतराष्ट्र है, इसे समझने की कोशिश करो।

16. अगर आज किसी की बेटी के साथ अन्याय हो रहा है और आप उसे सही कह रहे हो , जो कल आपकी बेटी तक आने की आहट भी होगी, उसे भी देखने सक्षम नहीं है, वो है असली धृतराष्ट्र।

17. अगर किसी को बेटियों को सरे आम नंगा करके समाज में घुमाने वाले दृश्य भी या अपनी जंघा पर बैठाने वाले दृश्य भी  अच्छे लगते है और उसका आनंद लेते है वो है असली धृतराष्ट्र।

18. जिस को अच्छे और बुरे कामों की पहचान भी न रहे और अपनी वफादारी दिखाने के लिए कोई गलत को गलत ना कह पाए , वो असली धृतराष्ट्र है भाई लोगों।

19. वो धृतराष्ट्र है जिन्हे शिक्षक होकर भी अपने विद्यार्थियों का दर्द समझ ना आएं।

20. वो राजनीतिक व्यक्ति है असली धृतराष्ट्र जो अपने ही क्षेत्र के भाईयों और बहनों को ठगने का कार्य करते हैं।

21. वो है असली धृतराष्ट्र जो समाज में असमानता फैलने दे रहे हैं तथा चुप रहते है।

22. जो लोग राजनीतिक लोगों की चाटुकारिता के  चक्कर में अपने खून के रिश्तों, पारिवारिक संबंधों, मित्रों तथा सामाजिक भाईचारे को भी तिलांजलि देने वाले, सच्चाई में धृतराष्ट्र की भूमिका निभाते हैं।

23. जब लोग अपने नुकसान को भी , अपने समाज तथा राष्ट्र के नुकसान का भी अपनी बेवकूफी की वजह से या अपनी  तर्क हीनता के कारण ही आनंद लेते हैं क्योंकि धृतराष्ट्र ने राष्ट्र को , समझदार तथा ईमानदार लोगों को महत्व नहीं दिया था ।

24. जो लोग अपने ही देश के लोगों की मेहनत को भी देशद्रोह मानते है, वो है असली धृतराष्ट्र के रूप में।

25. अगर किसी गरीब भाई की शादी में उन्हे घोड़ी से गिरा दिया जाए और मारपीट करें , गरीब लोगों के दुख तकलीफ के बाद भी अपनी जबान नही खोलते है, वो है असली धृतराष्ट्र।

26. जो अपने ही भाई के बच्चों को मारने के लिए तैयार हो जाए और उसे सही ठहराएं, वो है असली धृतराष्ट्र तो।

27. जो लोग राजनीति के तथा अपने स्वार्थ के चक्कर में अपने समाज के भाईचारे को खत्म कर रहे है वो असली धृतराष्ट्र है।

28. जो सब कुछ गलत होने पर भी सत्ता में रहने की जिल्लत करे और कभी इस्तीफा नही देते , वो है असली धृतराष्ट्र ।

29. जो राष्ट्र के स्वाभिमान तथा संस्कृति को अपनी इच्छा पूर्ति के लिए ठेस पहुंचाए, वो है असली धृतराष्ट्र ।

30. जो गरीब लोगों के स्वाभिमान को छीन कर , महंगाई, भ्रष्टाचार , बेईमानी तथा अन्याय को भी सही ठहराएं, वो असली धृतराष्ट्र हैं, जिनको अपनी लोभ लालच, स्वार्थ और अहंकार के आगे कुछ दिखाई ना दें, वो धृतराष्ट्र है, उन्हे पहचानने की आवश्यकता हैं।

31.  समाज को तोड़ने में जो लोग आनंद लेते है,  समाज में न्याय की बात नही करते है तथा गलत का साथ देकर समाज की शक्ति को कम करते है, वो सब भी धृतराष्ट्र होते हैं।

32. समाज में सभी गलत बातों को सहन करते हुए अपनी जबान को ताला लगा लें, वो किसी धृतराष्ट्र से कम नही हैं।

  प्यारे युवा साथियों, इस राष्ट्र का , इस समाज का भार आपके कंधो पर है , आपको अब जगना होगा और युवाओं के स्वाभिमान को जगाना होगा जिससे राष्ट्र विकसित बन सकें।

जय हिंद, वंदे मातरम

लेखक

नरेंद्र यादव

नेशनल वाटर अवॉर्डी 

यूथ डेवलपमेंट मेंटर एंड वॉलंटियर