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Yoga in sports: खेलो में योग की उपयोगिता से खिलाड़ी साहसी बनेंगे नरेंद्र यादव

योग से खिलाडिय़ों को ये मिलेगा फायदा, योग खेलो से बिल्कुल अलग पहचान और उपयोगिता रखते है
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नेहरू युवा केंद्र हिसार के उपनिदेशक डा. नरेंद्र यादव ने कहा कि वैसे तो योग को आजकल खेलो में शामिल कर लिया है लेकिन योग खेलो से बिल्कुल अलग पहचान और उपयोगिता रखते है। योग और खेलो का कोई मुकाबला नहीं है। फिर भी चलो जो भी होता है अच्छा ही है। खेलो में योग का सहारा हो जाए तो खिलाड़ी बहुत ही आगे निकल सकते है। खेल से खिलाड़ी और योग से योगी ही बनते है। योग से अभिप्राय है जो आत्मा व शरीर का जो, तथा खेल का अभिप्राय है बल और बुद्धि का प्रदर्शन।  खेलो में बाहरी प्रदर्शन का ज्यादा महत्व है वहीं योग में आंतरिक उत्थान की बात होती है। नेहरू युवा केंद्र हिसार उपनिदेशक डा. नरेंद्र यादव ने खिलाडिय़ों को योग से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी सांझा की है। 


योग को अपनाए तो उनके प्रदर्शन में निश्चित रूप से श्रेष्ठता आएगी
डा. नरेंद्र यादव ने कहा कि जो शक्तियोग की है वास्तव में अगर हमारे सभी स्पोर्ट्स पर्सन्स योग को अपनाए तो उनके प्रदर्शन में निश्चित रूप से श्रेष्ठता आएगी। यही हम सब जानते है कि योग हमारे में क्या क्या बदलाव लेकर आता है । आओ सबसे पहले हम योग के बारे में चर्चा करते है।

योग से मानव जीवन ये आते हैं बदलाव 
1. जीवन मे साधना से, स्थिरता आती है।
2. मानसिक रूप से व्यक्ति स्पष्ट बनता है।
3. भावनात्मक रूप से एक व्यक्ति स्थिर होता है। भावनात्मक कमजोरी दूर होती है।
4. सांस की लय बनती है।
5. शारीरिक रूप से व्यक्ति सशक्त बनता है।
6. हमारे फेफड़ो व हार्ट की ताकत बढ़ती है क्यों प्राणायाम में सांस की गति सधती है।
7. योग से शारीरिक रूप से धर्यवान बनता है।
8. योग से वीर्य शक्ति बढ़ती है जो हमे जीवन मे कंसंट्रेशन देती है, हमारा मन स्थिर होता है।
9. हम शारीरिक और मानसिक व साहसिक रूप से मजबूत बनते है।
10. योग से जीवन मे आध्यात्मिकता आती है और आध्यात्मिकता से मन की शक्ति, तन की शक्ति व बुद्धि के साथ साथ मनोबल भी मिलता है।
11. योग व प्राणायाम से अभ्यास करने का समय और शक्ति में इजाफा होता है।
  12. अगर एक खिलाड़ी आधा घण्टा भी योग व प्राणायाम करता है तो उनमें सहनशीलता, स्थिरता, ध्यान की स्थिरता का विकास उच्च कोटि का होता है।

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13. योग व प्राणायाम से सांस नही फूलता।
14. योग व प्राणायाम से साहस, उत्साह व हिम्मत बढ़ती है इसका मुख्य कारण है शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन का संचार होना और शरीर के हर सैल को भरपूर ऑक्सीजन मिलना।
15. योग व प्राणायाम से ऊर्जा का संचार होता है।
16. योग , प्राणायाम खिलाड़ी में आत्मविश्वास बढ़ाता है।
17. योग व प्रणायाम से एक खिलाड़ी की बॉडी लैंग्वेज सशक्त बनती है।
18. योग व प्राणायाम से शरीर हल्का होता है व मन भी उत्साहित रहता है।
19. योग व प्राणायाम से मन अनुशासित होता है।
20. योग से व्यक्ति के खानपान स्तर सुधरता है।


हर खेल के अनुसार योग व प्राणयाम से होने वाले फायदे व  एक खिलाड़ी का प्रदर्शन कैसे सुधर सकता है, उसके विषय मे बताते है :--
1. एथलेटिक्स:- एथेलेटिक्स में तीन इवेंट आते है,  पहला दौडऩा , दूसरा कूदना, तीसरा फेंकना। दौड़ने के लिए फेफड़ों, हार्ट, लेग्स, व कंधों की शक्ति चाहिए और वो प्राणायाम से बहुत अच्छी होती है, जब हम स्वांस अंदर लेकर रोकते है व फिर छोड़ते है तो हमारे फेफड़ों, हार्ट, व चेस्ट सशक्त होती है। दौड़ने के लिए सांस हमारे लिए फ्यूल का काम करता है, आप जितना ज्यादा व  प्योर फ्यूल डालोगे उतनी ही आपकी स्पीड बढ़ेगी। जितना आप सांस खींच कर जम्प करोगे , उतनी ही दूर व ऊंची छलांग होगी और जब हम कोई भी चीज फेंकते है तो उसमें भी अगर चेस्ट में फूल सांस भरके फेंकते है तो उसका परिणाम अच्छा आता है।


2. फुटबाल:-- फुटबॉल का खेल सबसे ज्यादा एनर्जी चाहता है, इस खेल में सांस को गहरा करना, स्वांस को लंबा करना, पैरों को मजबूत करना , चेस्ट को ताकतवर बनाना, निर्णय लेने की शक्ति बढाना और शरीर मे स्फूर्ति के साथ साथ टफ बनाने के लिये भी योग और प्राणायाम की आवश्यकता है। जो खिलाड़ी प्रत्येक दिन एक घंटा योग व प्राणायाम करेगा , उसमे ये सभी खूबियां पैदा होगी और वो बेहतरीन खिलाड़ी बनेगा।


3. हॉकी:-- हॉकी जैसा हमारे राष्ट्र के कण कण में रमा हुआ है, और यह हमारा राष्ट्रीय खेल भी है। हमे याद है जब हम छोटे होते थे तो हमारे पास हॉकी नही होती थी हम सिर्फ एक लकड़ी के मुड़े हुए डंडे भर से खेलते थे । आप सभी शायद बचपन मे खेलते होंगे। हॉकी में विशेष रूप से पांच मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है और वो है:--
1. कंसंट्रेशन
2. कंधों की शक्ति
3. दौड़ने की शक्ति
4. स्फूर्ति
5. शरीर मे फ्लेक्सिबिलिटी

ये पांचो ही गुण योग व प्राणायाम से आते है। योग के कुछ आसनों से ही आपका शरीर फ्लेक्सिबल और स्फूर्ति से भर जाएंगे। और आप प्राणायाम से अपने मे ध्यान बढ़ा सकते है, अगर ध्यान बढ़ेगा तो कंसंट्रेशन और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। खेल सदैव ध्यान, स्फुर्ति, साहस व उत्साह से ही बढ़िया प्रदर्शन कर सकते है। इसलिए रोज आधा घण्टा योग प्राणायाम को जरूर दे।


4. तीरंदाजी:- तीरंदाजी तो खेल ही कंसंट्रेशन का ही है , एक खिलाड़ी को सांस रोकना व उस को साधना आना चाहिए । ताकि वो अपना प्रदर्शन सुधार सके। तीरंदाजी के सभी खिलाड़ियों को योग प्राणायाम का सहारा लेना चाहिए।


5. शूटिंग:- शूटिंग भी ध्यान,  साधना का खेल है शूटिंग में दो विशेषता जरूर होनी चाहिए। एक तो कंधों की ताकत एवम दूसरा कंसंट्रेशन का अभ्यास तो योग प्राणायाम से ही मिलेगा। इसीलिए कहा जा रहा है कि खिलाड़ियों को योग करना चाहिए।


6. कुश्ती:- देखिए कुश्ती ताकत व दाव का खेल है उसमें अभ्यास बहुत ज्यादा होना चाहिए । खेल में ध्यान का बहुत महत्व रखता एवम सांस को साधना भी आवश्यक है। कुश्ती में ताकत के अलावा फुर्ती की भी ज्यादा जरूरत होती है जो हमे योग और प्राणायाम से ही मिल सकती है।


7. बॉक्सिंग:-- बॉक्सिंग ऐसा खेल है जिसमे संघर्ष, ताकत, धर्य , फुर्ती सहनशक्ति की आवश्यकता होती है। जब हम योग करते है तो इसमें सबसे पहले आसन, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम व ध्यान की जरूरत होती है। जब ध्यान लगा कर अपने मानसिक शक्ति को बलवती किया जाता है तो खिलाड़ियों में आत्मविश्वास जागृत होता है। आत्मविश्वास से बॉडी लैंगुएज बदलती है और उससे अग्रशन पैदा होता है जिससे नर्वसनेस दूर होता है जिससे रिजल्ट बहुत पॉजिटिव आता है।


8. कबड्डी:-- इसे खेलने खिलाडिय़ों को स्वांस की साधने की आवश्यकता होती है। दूसरा स्फुर्ति के साथ साथ हैंड ग्रीप व शरीर मे उछाल की भी जरूरत पड़ती है। जो हम योग और प्राणायाम से अपने मन व शरीर को साध सकते है। वैसे भी इस खेल में चतुराई की बहुत गहराई से जानकारी होनी चाहिए तथा आंखों का तेज संचलन और शरीर मे जबरदस्त स्फुर्ति चाहिए, वो सिर्फ योग से मिलती है।


9. बास्केटबॉल:-- बास्केटबॉल के खेल में अगर उत्कृष्टता हांसिल करनी है तो तीन बातों का विशेष ध्यान रखने  की जरूरत है पहली बास्केट में निशाना साधने के लिए ध्यान हो, दूसरा शरीर मे बैलेंस साधने के लिए प्राणायाम करे, तीसरा दौड़ने के लिए भी फेफड़े व पैरों को सुद्रढ़ बनाने के लिए भी योग बहुत सहायक है। 


10. बैडमिंटन, हैंडबॉल, वॉलीबाल के लिए भी शरीर को साधने व शारीरिक व मानसिक मजबूती के लिए भी योग , प्राणायाम का सहारा लिया जा सकता है। जिससे हमारे खेलो में सुधार आये तथा हमारे खिलाड़ी नशे व अपराध से दूर रहे क्योंकि इससे मन कंट्रोल रहता है। और शक्ति का एकीकरण होता है। 

खेलो में उत्कृष्टता के लिए योग व प्राणायाम की उपयोगिता निश्चित ही उत्साह वर्धक है। खेल सदैव साहस, हिम्मत, उत्साह और अभ्यास चाहते है और ये सब योग व प्राणायाम से ही सम्भव है।
डा. नरेंद्र यादव, उपनिदेशक, नेहरू युवा केंद्र हिसार