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youth of the nation : हर युवा देश की धरोहर है इसे यूज नहीं काम में लगाने की जरूरत नरेंद्र यादव

क्या करना चाहिए देश के युवाओं को जानकारी दे रहे हैं नेहरू युवा केंद्र हिसार के उपनिदेशक डा. नरेंद्र यादव  
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नेहरू युवा केंद्र हिसार के उपनिदेशक डा. नरेंद्र यादव ने कहा कि जब हम युवा की बात करते है तो हमें सिर्फ ये ही ध्यान आता है कि इस वर्ग की क्या क्या ड्यूटी है या इन्हें क्या करना चाहिए। हमारे देश की युवा संख्या दूसरे देशों से निश्चित ही ज्यादा है परंतु मैं ये दावे के साथ कह सकता हूं कि युवाओं की ऊर्जा का सही उपयोग नहीं किया जा रहा और न ही सही उपयोग करने की कोई योजना है। 

चिंतन ही नहीं किया जाता
जब भी कोई युवाओं के बारे में बात करता है तो पता नहीं क्यों इस वर्ग को छोटे से दायरे में समेटने की कौशिश की जाती है। और इस वर्ग पर लांछन के सिवाय कुछ और चिंतन ही नहीं किया जाता। शायद हम या मैं कहूँ की कुछ लोग युवाओं की ऊर्जा को समझना नहीं चाहते व शायद उन्हें युवाओं के चिंतन या उनके व्यवहार को समझने की कौशिश नही की जाती, मैं सदैव यही मंथन करता हूँ कि क्यों इस इतने बड़े वर्ग को इग्नोर किया जाता है। तब भी कभी बात होती तो युवाओं से जुड़ी तो ही आयामो पर चर्चा होती है और वो है, खेल कूद  तथा दूसरा है शिक्षा। इसके अलावा या तो समझने वालों को ज्ञान नही है या फिर वो समझना नहीं चाहते। 

हमेशा खेल को युवाओं से बड़ा माना जाता है अगर मैं स्पष्ट कहूं तो युवा होने का अर्थ है सिर्फ खेल और शिक्षा तक सीमित रहना। उसमे भी खेल को सबसे बड़ ा माना जाता है। जब कि खेल, शिक्षा ये दिनों युवा वर्ग के अंग है । आओ सबसे पहले हम ये जानने की कौशिश करते है भारत मे कुल कितने प्रतिशत युवा है जैसा कि सभी समाचार व अन्य न्यूज के माध्यम से जानते है हमारे देश मे 15 से 29 के आयु वर्ग के लगभग 30  प्रतिशत लोग है और 0 से 14 प्रतिशत भी लगभग 27 प्रतिशत है। ऐसे लगभग 57 प्रतिशत जनसंख्या ऐसी है जिन्हें किसी भी तरह से दिशा देने की आवश्यकता है। अगर हम युवाओं की भी बात करे तो उन्हें शिक्षा व खेल के अलावा भी बहुत कुछ सिखाने की आवश्यकता है। देश के युवाओं व युवाओं की नर्सरी में आने वाले नवस्रोत को भी तो लायक बनाने की जरूरत है। 

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सबसे पहले चलो युवाओं के कार्य क्षेत्र की बात करते है जो निम्न है:--
1. व्यक्तित्त्व विकास
2. शिक्षा
3. खेल कूद
4. कौशल विकास
5. व्यवहारिक ज्ञान
6. मानसिक विकास
7. शारीरिक विकास
8. आध्यात्मिक विकास
9. व्यवसायिक विकास
10. सामाजिक क्ष्रेत्र
11. सेवा का क्षेत्र( पर्यावरण, स्वच्छता, जल संरक्षण, पौधरोपण)
12. नशे का क्षेत्र
13. आपराधिक क्षेत्र
14. प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र में योगदान।
15. ब्रह्मचर्य का विकास।
16. योग , प्राणायाम का क्षेत्र
17. राजनीति का क्षेत्र
18. रोजगार का क्षेत्र ।
19. अनुसंधान व शोध का क्षेत्र
20. कृषि का क्षेत्र
21. संस्कृति का क्षेत्र
22. पशुपालन का क्षेत्र
23. ग्रामीण टूरिस्म क्षेत्र
24. एडवेंचर का क्षेत्र
25. सहकारिता क्षेत्र

जब कोई भी युवा खेलो में कोई मैडल जीतते है
अगर स्पष्टता से देखा जाए तो ये 25 क्षेत्र युवाओं के सामने है जिसमे से कुल मिलाकर 7 क्षेत्रो पर कुछ कुछ ध्यान दिया जाता है जो कि शिक्षा, खेल कूद व थोड़ा बहुत सामाजिक क्षेत्र तथा थोड़ा सा पर्यावरण के क्षेत्र और रोजगार के क्षेत्र को कवर किया जाता है बाकी 18  युवा एरिया पर काम करने की आवश्यकता है। जब हमारे बुद्धिजीवी महानुभाव युवाओं को हुड़दंगी कह कर अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाना चाहते है तो ये युवाओं को पीछे धकेल कर राष्ट्र को पीछे ले जाने वाली गतिविधियां है। जब कोई भी युवा खेलो में कोई मैडल जीतते है तो वो युवा, युवा है अगर वही युवा शिक्षा के क्षेत्र में कोई अनुसंधान करते है तो भी उसे युवा मान लिया जाता है। लेकिन अगर कोई युवा अपने गांव में, नगर में पौधरोपण करता है तो वो युवा गतिविधि नही मानी जाती। और अगर जल संरक्षण के क्षेत्र में युवाड़ तालाबो को संरक्षित करने का कार्य करता है तो वो भी युवा गतिविधि नही मानी जाती। 

अगर कोई युवा नशे के विरुद्ध कार्य करता है तो वो भी कोई मायने नही रखती है। और कोई युवा, युवाओं को ब्रह्मचर्य का पाठ व योगाभ्यास कराता है तो भी कोई मायने नही रखता। इसीलिए मैं बार बार यही कहता हूँ कि किसी भी राष्ट्र के लिए उस देश के नागरिक , उसकी शक्ति होती हूं, उसके संसाधन होते है, उसकी ऊर्जा होती है, उसकी रक्षा सुरक्षा होती है, अगर उसको सही दिशा, प्रशिक्षण, व शिक्षण दिया जाए।  अगर देश को विश्व गुरु बनाना है तो युवाओं की पाजिटिविटी को देश के विकास में लगाया जाए । युवाओं को यूज करने की योजना नही हो, युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्र हित मे लगाना ही उचित होगा , और साथ ही साथ उनके रोजगार, कौशल विकास, व्यवसाय , व्यक्तित्व विकास पर कार्य करने की भी महत्वपूर्ण योजना बनानी चाहिए।


मेमोरी पावर होती है 
राष्ट्रीय विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय आर्थिक विकास, राष्ट्रीय उधमशीलता, राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधनों के विकास तथा कृषि विकास के क्षेत्र में मानव संशाधन को लगाने की बात करते है तो उसमे भी युवा आयुवर्ग  सबसे महत्वपूर्ण है। इसी उम्र में सबसे ज्यादा ऊर्जा, शक्ति,हिम्मत,साहस, मेमोरी पावर होती है। उसका देशहित मे उपयोग करना ही युवाओं के साथ न्याय होता है। अब हमें युवाओं के कार्य क्षेत्र को बढ़ाने के लिए बचे हुए 18 क्षेत्रो पर कार्य करने की जरूरत है। 

जो अनछुए 18  क्षेत्र है वो जीवन जीने के लिए अति आवश्यक है। अगर   खेल में मैडल नही भी आएंगे तो कुछ ज्यादा बिगड़ने वाला नही है लेकिन अगर निम्न पर विचार नही किया गया तो हमारे पृथ्वी पर जीवन खतरे में पड़ जायेगा। और ये सारे क्षेत्रों में कार्य सिर्फ और सिर्फ युवाओं द्वारा ही किया जाता है परंतु उनकी गिनती नही की जाती। अगर कोई युवा अपने अच्छे कार्य की वजह से कोई पुरस्कार जीत भी लेता है तो उसे , ले देकर लिया हुआ पुरस्कार बताया जाता है और उसे इग्नोर करने की नीतियों पर चलने का कार्य  किया जाता है। हम कभी ये नही विचार करते कि ये युवा पीढ़ी, हमारे देश की ही शक्ति है। इसे कभी भी पार्टी पॉलिटिक्स के नजरिये से नही देखना चाहिए। 

ये वो शक्ति है जो :-
1. युवा मंडलो में दिखती है।
2. जो किसानों में दिखती है
3. जो कलाकारों में दिखती है
4. जो डॉक्टर में दिखती है
5. इंजिनीयर्स में दिखती है।
6. शिक्षकों में दिखती है
7. सामाजिक कार्यकर्ताओं में दिखती है
8. जो यंग व्यवसायियों में दिखती है
9. राजगीर में दिखती है, जो कारपेंटर, लोहार, जौहरी, सुनार , सफाई कर्मी में दिखती है।
10. यही वो युवा शक्ति है जो सामाजिक समरसता लाती है, जो जल संरक्षण करती है, जो वृक्षारोपण करती है।
 11.  यही युवा शक्ति ही तो है जो देश की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान करती है, जो बॉर्डर पर लड़ती है।
12. यही वो युवा शक्ति है जो गांवो में युवा मंडलो के माध्यम से नई पीढ़ी को संस्कारित करती है।
13. ये ही युवाओं की शक्ति ही तो गांव गांव में सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करती है।
14. यही युवा शक्ति ही तो है जो हर घर तिरंगा अभियान ने तिरंगा फहराकर पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित करती है।
15. यही युवाओं की शक्ति ही तो पृथ्वी को सुंदर बनाने का कार्य करती है।
16. यही युवा शक्ति ही तो है जो सच्चई पर चलती है, जिसमे जोश है, जिसमे अच्छे को अच्छा व बुरे को बुरा कहने की क्षमता है

17. यही युवा शक्ति ही तो जोखिमपूर्ण कार्य करती है।
18. यही वो युवा शक्ति ही तो है जिसने टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था
19. हाँ , यही वो युवा शक्ति है जिसने कभी बेईमानी से समझौता नही किया।
20. यही वो युवा शक्ति है जो इस स्वार्थ से ऊपर उठी हुई है। और निष्पक्ष, निर्मोह निरपराध होकर कार्य कर सकती है।
21.यही वो युवा शक्ति है जो पर्वतारोहण करती है।
22. यही वो युवा शक्ति है जो देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रहती है। 
23. यही वो युवा पीढ़ी है जो भ्र्ष्टाचार के खिलाफ एकजुट होती है।
24. यही वो युवा शक्ति है जो देश के तिरंगे झंडे को लेकर गौरवगान करते है।
25.युवा शक्ति जिसने कोविड काल मे देश की सेवा की।


मैं,  आज बहुत ही पवित्र हृदय से सभी से खास कर राजनीतिक महापुरुषों से निवेदन करना चाहता हूँ कि कभी भी इस नौजवान पीढ़ी का यूज मत करो, उसे राष्ट्र हित मे लगाने के लिए, इनकी शक्ति को इनके मातपिता, परिवार, समाज व देश हित मे खपाने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है।

 नेहरू युवा केंद्र हिसार के उपनिदेशक डा. नरेंद्र यादव