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Haryana: सिरसा में ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों रुपये कमा रहा है प्रगतिशील किसान गुरशरण सिंह

साउथ अफ्रीका से मंगवाए पौधे, सरकारी नौकरी से वीआरएस लेकर खेत में लगाए ड्रैगन फ्रूट 
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साउथ अफ्रीका से मंगवाए पौधे, सरकारी नौकरी से वीआरएस लेकर खेत में लगाए ड्रैगन फ्रूट 

mahendra india news, new delhi

सिरसा जिले का प्रगतिशील किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों रुपये कमा रहा है। वहीं अपनी अलग से पहचान बना चुका है। नगरपरिषद सिरसा के सचिव गुरशरण सिंह ने रिटायरमेंट से 3 वर्ष पहले वीआरएस लेकर गांव रगड़ी खेड़ा में 4 कनाल में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की। इसके लिए विदेश दक्षिण अफ्रीका से ड्रैगन फू्रट के पौधे मंगवाए इसके बाद खेत में किसान गुरशरण ने 252 पौधे लगाए। इसकी बढ़वार सही तरीके से हो सके। इसके लिए 7 फीट ऊंचे कंकरीट के पोल भी लगाए हैं। 

साउथ अफ्रीका से मंगवाए पौधे, सरकारी नौकरी से वीआरएस लेकर खेत में लगाए ड्रैगन फ्रूट 

ऐसे आया आइडिया 
प्रगतिशील किसान गुरशरण सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 कंधे का ऑपरेशन हुआ। इसके बाद छह माह का जॉब से अवकाश लिया। इसी दौरान इंटरनेट मीडिया पर खेती से संबंधित जानकारी देखता था। इसी दौरान ड्रैगन फू्रट के बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद ड्रैगन फू्रट की खेती करने का विचार आया। 


गुरशरण ने बताया कि यह किस्म (क्रॉस ब्रीड) के बेलनूमा पौधों से 18 महीने में मीठे रसीले फ्रूट लगने लगे हैं। जिससे वार्षिक अनुमानित आय करीबन 5 लाख रुपये है। ऐसा सिरसा के गुरशरण सिंह किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हैं। 

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सरकारी नौकरी से ली वीआरएस 
सिरसा के गुरशरण सिंह ने बताया कि गांव रंगड़ीखेड़ा के रकबा में 10 एकड़ पुश्तैनी जमीन है। नगरपरिषद में नौकरी  लग गई। लेकिन रिटायरमेंट से 3 वर्ष पूर्व सचिव पद से वीआरएस ली और 4 कनाल में ड्रैगन फ्रूट लगाने का फैसला लिया। खेत में ट्रायल के दौरान पाया कि इसकी औसत पैदावार 80 किलोग्राम प्रति पौधा है। जिससे सीजनल उसे साढ़े 9 एकड़ के बराबर आमदनी होगी। 

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ड्रैगन फ्रूट की खास बात और खाने के फायदे
आपको बता दें कि क्रॉस ब्रीड किस्म के फल का औसत वजन 150 ग्राम से एक किलोग्राम होता है। यह 51 दिनों में पकने वाली किस्म है, इसके फल डोका अवस्था में मीठे एवं काफी स्वादिष्ट होते हैं। इसकी अन्य किस्मों से अलग पहचान है। डेंगू व कमजोर हड्डियों के लिए ड्रैगन फू्रट बहुत ही फायदेमंद है। जोकि एंटीवायरल गुणों से हमारी इम्यूनिटी बूस्ट करता है।

सिरसा के कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक डा. देवेंद्र जाखड़ ने बताया कि गिरता भूमिगत जलस्तर गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसलिए ड्रैगन फ्रूट की खेती बेहद उत्तम है। इसे कम पानी की मात्र के साथ किसी तरह की मिट्‌टी में उगाया जा सकता है। जो बाग कैक्टेसिया फैमिली से संबंधित है। रेड ड्रैगन फ्रूट काफी मीठे और रसीले होते हैं। जिनका उपयोग सलाद, मुरब्बा, जेली और शेक में होता है।