goodbye stress: अलविदा तनाव शिविर में आज समय की पहचान और महाविजय उत्सव के बारे में

अलविदा तनाव शिविर आनलाइन देखने के लिए जुड़े इस लिंक से 

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  मानव मन इस दुनिया में सुख और शान्ति ढूंढता हुआ थक गया है ब्रह्माकुमारी पूनम

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सिरसा के हिसार रोड स्थित आनंद सरोवर में नौ दिवसीय अलविदा शिविर का मंगलवार को आज आठवां दिन है। इस शिविर में ब्रहमाकुमारी बहन पूनम आज समय की पहचान और महाविजय उत्सव (वल्र्ड ड्रामा का रहस्य) के बारे में बताया जाएगा। इसी के साथ मंगलवार को परमात्मा के महावक्य मुरली (गुड बाय टेंशन) के बारे में बताया जाएगा। अगर अलविदा तनाव शिविर से आज सीधे जुड़ाना चाहते हैं तो आप इस लिंक के माध्यम से जुड़ सकते हैं। 

आनंद सरोवर में कल आएगी सांसद सुनीता दुग्गल
 हिसार रोड स्थित आनन्द सरोवर में नौ दिवसीय अलविदा तनाव शिविर के समापन समारोह पर 12 सितंबर की सायं को सिरसा लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगी। ब्रह्माकुमारी बीके बिंदू बहन ने बताया कि 4 सितंबर से शुरू हुए अलविदा तनाव शिविर का 12 सितंबर की सांय को समापन होगा। समापन पर सिरसा लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल कार्यक्रम में अपनी मुख्यातिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगी। उनके साथ कई अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहेंगे। 

मानव मन इस दुनिया में सुख और शान्ति ढूंढता हुआ थक गया है ब्रह्माकुमारी पूनम

अलविदा तनाव विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम बहन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान पूरे विश्व में वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना पर काम कर रही है। संस्थान की कार्यविधि का मुख्य आध्यार यही  है कि हम सब एक विश्व पिता परमपिता परमात्मा के ब‘चे आपस में भाई-भाई है। धर्म चाहे हरेक के भिन्न-भिन्न है परन्तु हम सबकी एक भावना वसुधैव कुटुम्बकम् की है। अलविदा तनाव विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम नौ दिवसीय अलविदा तनाव शिविर के सातवें सत्र मे सभा को सम्बोधित करते हुए कही। 

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इस सत्र के दौरान उन्होंने संस्थान से जुड़े विभिन्न प्रश्नों का जवाब दिया और कहा कि संस्थान की मुख्य शिक्षा यही है कि घर गृहस्थ में रहते हुए आत्मिक गुणों को जीवन में उतारें,  किसी को गृहस्थ नहीं छोडऩा अपितु दुर्गुणों को छोड़ सदगुणों को धारण करना है। अपनी जीवनशैली को सकारात्मक बनाकर सुखमय समाज का निर्माण करना है। 

सत्संग इंसान को अच्छे बुरे में फर्क करना सिखाता है, एक वचन ही आपके जीवन को बदल देता है 
इस चर्चा मेंं उन्होंने संस्थान के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा की जीवनी पर भी प्रकाश डाला। इसके पश्चात उन्होंने स्प्री‘युअल मंत्र देते हुए कहा कि इस अभ्यास को मन में दोहराते रहें कि :- मैं भगवान का हूं, भाग्यवान हूँ, मुझ जैसा भाग्यवान इस सृष्टि पर कोई और नही, इससे हमारा मन सदैव आनन्दित रहेगा । सत्र के अन्त में चैतन्य दैवी-देवताओं  की मनमोहक झलकियों  तथा गुलाबाशी के द्वारा सभी का अलौकिक जन्मोत्सव मनाया गया, इस दृश्य नें माहौल को आनन्दमय कर दिया। 

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