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पेड़ों के लगती है ये सब्जी, काजू पिस्ता से तीन गुणा महंगी है ये सब्जी, विदेशों में रहती बड़ी डिमांड, जो भी खाए तारीफ करता जाए...

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This vegetable grows on trees, cashew is three times more expensive than pistachio, this vegetable is in great demand in foreign countries, whoever eats it keeps praising
mahendra india news, new delhi

आज के समय सेहत का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो गया है। सेहत का ध्यान रखने के लिए सबसे जरूरी है सही खान पान। आज फाइव स्टार होटल से लेकर विदेशों में भी इस खास सब्जी ने धूम मचा रखी है। शादी विवाह में स्टाल में खास तरीके से इस सब्जी को रखा जाता है। मेहमान भी इस सब्जी को खा कर तारिफ करते हुए नहीं थकते हैं। 

घनघोर राजस्थान के रेगिस्तानी एरिया में होने वाली राजस्थान की दो उपज अब खास बनती जा रही है।

आपको बता दें कि देसी मार्केट से ज्यादा इसकी विदेशों में डिमांड है, आपको ये भी बता दें कि इन दोनों सब्जियों की न तो बुवाई होती है न जुताई. ये अपने आप ही रेगिस्तान में उगती हैं, ताजे से ज्यादा सूखी सब्जी की डिमांड अधिक  रहती है और इसके भाव तो काजू पिस्ता से भी महंगे होते हैं। 

ये खास सब्जी है केर-सांगरी जो देश में ही नहीं विदेश में भी धूम मचा रही है। सूखी सब्जियों के तौर पर खास पहचान रखती हैं। इस सब्जी की  विशेषता यह है कि इसका पूरा उत्पादन प्राकृतिक रूप से होता है, केर-सांगरी दोनों की बुवाई नहीं होती है। 

बता दें कि यह स्वत: ही पैदा होने के कारण किसी औषधि से भी कम नहीं हैं। एक वक्त था जब कैर-सांगरी गांवों तक ही सीमित रहती थी, लेकिन आज विश्व का ऐसा कोई कोना नहीं होगा, जहां पर  इसकी डिमांड न हो। इस सब्जी को शादी विवाह या खास अवसर पर भी बड़े चांव से खाते हुए लोग नजर आते हैं। 

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देश से ज्यादा विदेश में मांग

केर-सांगरी वैसे तो राजस्थान में गर्मी के सीजन में आती है, इसकी सब्जी और अचार बनाया जाता है, जब ये सूख जाती है उसके बाद इसकी सब्जी अधिक स्वादिष्ट होने के कारण पसंद की जाती है। 

आपको बता दें कि ये राजस्थान के सरहदी बाड़मेर सहित जोधपुर, बीकानेर,जैसलमेर और श्रीगंगानगर में गर्मी में केर-सांगरी की पैदावार होती है। इस क्षेत्र में जब सांगरी कच्ची होती है तो स्थानीय स्तर पर रेट 200-320 रुपये प्रति किलो तक होती है।