बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया सुंदर कांड का महत्व, बोले अपने संस्कार और संस्कृति को भूलना या उससे खिलवाड़ करना खतरनाक
HARYANA के सिरसा में श्री बाबा तारा कुटिया में आयोजित श्री हनुमंत कथा के दौरान बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथा श्रवण करने पहुंचे भक्तों से हनुमान जी महाराज की भक्ति, विनम्रता और प्रभु प्रेम के विभिन्न प्रसंगों पर चर्चा की। बाबा सरसाई नाथ जी को नमन करते हुए बागेश्वर धाम सरकार ने सुंदरकांड की सुंदरता का सुंदर शब्दों में वर्णन किया।
बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि महात्मा के नाम पर सिरसा का नामकरण हुआ यह बड़ी बात है। बागेश्वर पीठाधीश्वर ने कहा कि बाबा तारा के सेवक गोपाल कांडा और गोबिंद कांडा के प्रयासों से सिरसा में देश भर से संतों का आगमन हुआ है।
विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भक्त और विप्र की पहचान तिलक देख कर हो जाती है। हनुमान जी की पहचान - साधु संत के तुम रखवारे से हो जाती है।
श्री सालासर धाम मंदिर एवम श्री राम नाम प्रभात फेरी चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित श्री हनुमंत कथा में उन्होंने सुंदर काण्ड के महत्व पर व्याख्यान दिया।
बागेश्वर सरकार ने अपनी मधुर वाणी में बाला जी और अन्य भजन सुनाए। हम तो बाला जी के बाला जी हमारे हैं भजन गाया। बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा हनुमान जी को पाने के लिए कुछ खोना नहीं पड़ता, उनका होना पड़ता है। इतना जप करो कि यमराज भी आपका खाता रद्द कर दें। अपने दादा गुरु, बागेश्वर बाला जी, संन्यासी बाबा,
सीताराम और तारा बाबा जी के चरणों में प्रणाम करते हुए तारकेश्वर धाम में उमड़े आस्था के महाकुंभ को नमन किया। उन्होंने कहा कि बाबा तारा जी की कृपा से गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा कोई न कोई महात्मा बुलाते ही रहते हैं। संतों का सम्मान करते हैं। अलग अलग महात्माओं के दर्शन एक ही स्थल पर सिरसा वासियों को हो रहे हैं। यह भी भगवान की कृपा हो है। तुलसीदास जी ने कहा है, बिनु हरि कृपा मिल्ही ही नहीं संता'। आपके पास चल कर संत आएं तो समझ लेना प्रभु की कृपा है।
बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा पहला भाग्य मनुष्य योनि में जन्म मिलना है। दूसरा भाग्य भारत में जन्म और तीसरा सनातन धर्म मिलना। बागेश्वर धाम सरकार ने रुद्र अवतार श्री हनुमान जी के जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए एक श्रद्धालु के पत्र की चर्चा की और तनाव मुक्ति के कारण और उपाय बताए। परेशान को बार बार पढ़ कर समझना। शान से परे हो जाओ तो परेशान हो जाओगे। भूत की चिंता छोड़ दो। वर्तमान में जियो। खुद को इंसान नहीं बदलता, यही परेशानी है। फकीर भी चिंता फिक्र छोड़ प्रसन्न रहता है। परेशानी का कारण समय से पहले और भाग्य से ज्यादा पाने की लालसा। ईश्वर पर भरोसा रखो। सकारात्मक सोचो।
जिंदगी को साइकिल बना लो।