दवाइयों का सही उपयोग और एक्सपायरी डेट जांचना है आवश्यक: डॉक्टर जय प्रकाश

हरियाणा में सिरसा स्थित जेसीडी विद्यापीठ के जेसीडी मेमोरियल फार्मेसी कॉलेज में फार्मेसी वीक के अवसर पर एक भव्य स्वास्थ्य जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में कॉलेज के फार्मेसी विभाग के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और "थिंक हेल्थ, थिंक फार्मेसी" थीम से जुड़े स्लोगन प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. जयप्रकाश ने हरी झंडी दिखाकर रैली का शुभारंभ किया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रदीप कंबोज और डॉ. रीटा ने की। उन्होंने विद्यार्थियों की इस पहल की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की रैलियां समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में सहायक सिद्ध होती हैं।
मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. जयप्रकाश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने दवाइयों के सही उपयोग और सावधानी पर जोर देते हुए कहा कि दवा एक दोधारी तलवार की तरह होती है। अगर इसे सही तरीके से लिया जाए, तो यह रोग को समाप्त कर सकती है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही घातक भी हो सकती है। उन्होंने विद्यार्थियों को दवाइयों की एक्सपायरी डेट की महत्ता समझाते हुए कहा कि एक्सपायरी डेट के बाद दवा का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है। इसलिए किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट अवश्य जांच लेनी चाहिए।
महानिदेशक डॉ. जयप्रकाश ने रैली में शामिल विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में जागरूकता लाने का एक सशक्त माध्यम होते हैं। उन्होंने फार्मेसी स्टाफ और विद्यार्थियों को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सही दवा के उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाना फार्मेसी विद्यार्थियों की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने स्वास्थ्य और फार्मेसी से संबंधित कई नारे लगाए, जैसे "स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है," और "दवाई सही समय पर, स्वस्थ जीवन हर पल।" रैली में विद्यार्थियों ने स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाने वाले पोस्टर और बैनर भी प्रदर्शित किए।
अंत में डॉ. गौरव खुराना ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. जयप्रकाश और अन्य अतिथिगण का धन्यवाद किया और कहा कि ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने फार्मेसी के विद्यार्थियों को अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज की सेवा में करने के लिए प्रेरित किया।