चौपटा क्षेत्र की नहरों में आया पानी, देखे किस नहर में कितने क्यूसेक छोड़ा गया पानी

सिंचाई विभाग ने नहराना हेड से सोमवार को चौपटा क्षेत्र से गुजरने वाली नहरों में पानी छोड़ दिया है। चौपटा क्षेत्र के गांवों में पानी की समस्या एक गंभीर मुद्दा है, खासकर गर्मियों में। इस समस्या के कारण लोगों को काफी परेशानी हर बार झेलनी पड़ती है। अब गर्मी बढ़ने के साथ पीने के पानी की समस्या है। नहरों में पानी की लंबी बाराबंदी के कारण ये समस्या आ रही है।
वरूवाली नहर में 174 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। कुताना में 106, नोहर नहर फीडर में 150 क्यूसेक, शेरांवाली में 80 क्यूसेक पानी छोड़ गया है। वरूवाली नहर से चौपटा क्षेत्र के गांव माखोसरानी, लुदेसर, रूपावास, रायपुर, ढूकड़ा, गुडियाखेड़ा, वरूवाली सहित अन्य गांवों को फायदा मिलेगा।
शेरांवाली नहर में पानी छोड़ा गया, इससे कैंरावाली, दड़बा कलां, मानक दिवान, रंधावा, निर्बाण, शेरांवाली कर्मशाना, बकरियावाली मोडिया, माधोसिंघाना समेत अन्य गांवों में पानी की समस्या नहीं रहेगी।
पेयजल केंद्र में पानी के स्टॉक की व्यवस्था नहीं
चौपटा क्षेत्र के लगभग गांवों में पेयजल केंद्र बने हुए हैं। पेयजल केंद्रों में पानी स्टॉक की ज्यादा व्यवस्था नहीं है। इससे लंबे समय तक नहरों में पानी की बंदी के चलते स्टॉक लगभग गांवों के खत्म हो गया है। कई गांवों में ट्यूबवेल के पानी की सप्लाई की जा रही है। वहीं जहां ट्यूबवेल की व्यवस्था नहीं है। उन गांवों के अंदर पेयजल सप्लाई नहीं की जा रही है। ऐसे में गांवों के ग्रामीण टेंकरों से पानी खरीद कर अपनी प्यास बूझा रहे हैं।
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टेल पर पड़ने वाले गांवों में ज्यादा परेशानी
चौपटा क्षेत्र के नहरों में टेल पर पड़ने वाले गांवों में गर्मी के अंदर हमेशा पीने के पानी की समस्या रहती है। क्योंकि नहरों के टेल तक पानी नहीं पहुंचता है। क्षेत्र के गांव खेड़ी, गुसाईआना, कुताना, जमाल, वरूवाली, ढूकड़ा व गुडियाखेड़ा, रायपुर, बरासरी व अन्य गांवों में हमेशा पानी की किल्लत रहती है। मौजूदा समय में पीने के पानी की सभी गांवों में समस्या है।
टैंकरों से खरीद कर पी रहे हैं पानी
गांवों में पेयजल सप्लाई पर्याप्त नहीं हो रही है। ऐसे में गांवों के अंदर पेयजल सप्लाई नहीं होने पर टैंकरों से पानी खरीद कर पी रहे हैं। टैंकर पानी का 500 से 600 रुपये का दे रहे हैं। ग्रामीण प्रहलाद सिंह, राजेश कुमार, विनोद कुमार ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या शुरू हो गई है। अभी खेतों में कटाई कढ़ाई का सीजन चल रहा है। ऐसे में पानी की ज्यादा जरूरत पड़ रही है। जबकि पीने के पानी के लिए लोग भटक रहे हैं।