सिरसा में तपती गर्मी में आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन, आशा वर्कर्स ने दी ये चेतावनी

सिरसा में आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान दर्शना ने कहा कि हरियाणा सरकार कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली आशा वर्कर्स को धमकी भरे पत्र भेज रही है। समाचार पत्रों में धमकी भरे बयान देकर अपनी नाकामी को छुपाना चाहती है। सरकार ऐसे बयान देकर और विभाग में काम करने वालों को धमका कर प्राइवेट अल्ट्रासाउंड कंेद्रों को खुली छूट दे रही है और सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को बर्बाद कर रही है। अगर सरकार कन्या भू्रण हत्या को रोकना चाहती है तो हरियाणा प्रदेश के अंदर तमाम अल्ट्रासाउंड केंदो को सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे में शामिल करते हुए गर्भवती महिलाओं के जरूरत पड़ने पर फ्री अल्ट्रासाउंड करवाने की जि मेदारी उठाए।
आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान दर्शना ने मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान आशा वर्कर्स को संबोधित करते हुए कहा कि आज तक सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए जितनी योजनाओं की घोषणा की है वह केवल घोषणा है और कागजों तक ही सीमित है। पूरे प्रदेश में किसी पीएचसी पर महिला रोग विशेषज्ञ बाल रोग विशेषज्ञ और पीएचसी पर डिलीवरी होने के समय अगर कोई इमरजेंसी होती है तो उसे इमरजेंसी को संभालने के लिए महिला डॉक्टर तक उपलब्ध नहीं है। गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए केवल महीने में एक दिन कैंप लगाकर औपचारिकता पूरी कर दी जाती है। सचिव पिंकी शाक्य ने कहा कि ज्यादातर पीएचसी पर लैब टेक्नीशियन और दवाइयां तक उपलब्ध नहीं है। सरकारी जिला अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड की मशीन उपलब्ध नहीं है। सरकारी अस्पताल में जाने वाली गर्भवती महिला और अन्य मरीजों के साथ व्यवहार की अनेक को शिकायतें बार-बार विभाग को की गई है, गर्भवती महिलाओं के लिए गांव स्तर पर सब सेंटर में जरूरी दवाई और एमसीपी कार्ड तक समय पर उपलब्ध नहीं करवाए जाते हैं।
डिलीवरी हो जाने के बाद मां और बच्चे को घर तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है, पिछले कई महीनों से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण सेशन पर जितनी दवाइयां की आवश्यकता होती है वह भी पूरी नहीं होती। इन तमाम समस्याओं से सरकार को यूनियन द्वारा बार-बार अवगत करवाया गया है, जिस पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की जरूरी कार्रवाइयों को छोड़कर जनता का ध्यान भटकाने के लिए विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को धमकी दी जा रही है और आशा वर्कर्स को बिना जांच किये ही काम से हटाया जा रहा है। पिंकी शाक्य ने कहा कि आशा वर्कर्स यूनियन सरकार के इस रवैये का कड़ा विरोध करती है और सरकार से मांग करती है कि कन्या ाू्रण हत्या को रोकने के लिए सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत बनाओ। तमाम अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सरकार अपने अधीन लेकर कार्य करवाएं। आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए सरकार के साथ मिलकर कार्य करने के लिए तैयार है। कन्या ा्रूण हत्या को रोकने के लिए सरकारी ढांचे में बुनियादी सुधार करना बेहद जरूरी है।
कई जिलों में पिछले 6 महीना से केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशियों का भुगतान नहीं किया गया है और राज्य सरकार की प्रोत्साहन राशी भी बकाया है। एक तरफ सरकार आशा वर्कर्स से शपथ पत्र ले रही है कि वह कोई दूसरा कार्य नहीं कर सकती और दूसरी तरफ आशा के कार्य की मानदेय समय पर नहीं देती है । अनेकों तरह से आशाओं के मानदेय में कटौती की जाती है, इससे स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है कि आशा वर्कर्स को सरकार बंधुआ मजदूर बनाने के प्रयास कर रही है। इस मौके पर शिमला, मीनाक्षी, उषा रानी, रीना सिरसा, पायल सिरसा, कविता सिरसा सहित सैकड़ों की सं या में आशा वर्कर्स उपस्थित थीं।