हरियाणा का भूजल पीने के लिए असुरक्षित: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा के अनुसार हरियाणा का भूजल इंसानों के पीने के लिए असुरक्षित है क्योंकि इसमें विषैले तत्वों की मात्रा सीमा से अधिक है। वीरवार को जारी बयान मेें डॉ. ढींडसा ने कहा कि यह तथ्य केंद्रीय भूजल बोर्ड की वर्ष 2024 की रिपोर्ट में उभरकर सामाने आए हैं।
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के 16 जिलों के भूजल में यूरेनियम की मात्रा 30 भाग प्रति मिलियन (30 पी.पी.बी.) की सुरक्षित सीमा से अधिक हैै। इसमें अधिक मात्रा हमारे आंतरिक हिस्सों को नुकसान पहुंचाने के अतिरिक्त कैंसर जैसी बिमारियों का कारण बनते हैं तथा गुर्दों के लिए विशेष रूप से हानिकारक है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर भूजल में नाइट्रेट की मात्रा भी चिंताजनक है।
हरियाणा के 21 जिले इस समस्या से प्रभावित हैं। इसकी सीमा से अधिक मात्रा शिशुओं मे बल्यू बेबी सिंड्रोम के कारक हैं। वैज्ञानिक डॉ. ढींडसा ने कहा कि हरियाणा के पांच जिलों में आरसैनिक की मात्रा 10 पी.पी. बी. से अधिक हैं जो चमड़ी रोगों व आंतरिक कैंसर का कारण बनते हैं। यह डायबिटीज का मुख्य कारक है। वहीं हरियाणा के 17 जिलों में फलोराइड की सुरक्षित सीमा, 1.5 मिलीग्राम पर लीटर से अधिक पाई गई जो कि दांतों व हड्डियों के लिए अति हानिकारक है। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए परामर्श है कि कोई भी सीधा भूजल न पीयें। भूजल के शुद्धिकरण और उसे पीने लायक बनाने की विधियां अब सामान्य रूप से सरकारी टयूब्वैल व म्युनिसिपल कमेटी के पास उपलब्ध हैं।