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धान ऊपर से सूखने की नहीं रहेगी समस्या, मात्र 1 ग्राम के छिड़काव से दूर होगी सारी बीमारियाँ

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 धान ऊपर से सूखने की नहीं रहेगी समस्या, मात्र 1 ग्राम के छिड़काव से दूर होगी सारी बीमारियाँ 

किसानों ने धान की रोपाई कर रही है। हरियाणा व उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर मौसम में अचानक से धान की फसल ऊपर से सूखनी शुरू हो गई है। इस कारण से धरतीपुत्रों के माथे पर चिंता की लकीर उभर आई है। कृषि विज्ञान केंद्रों पर पहुंच कर किसान धान की फसल में आ रही इस बीमारी का उपाय पूछ रहे हैं।  

कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा. सुनील कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में धान की फसल में अक्सर फसल सूखने की समस्या आ जाती है. लेकिन इससे किसानों को परेशानी झेलने की कोई आवश्यकता नही है।  परेशान न हो.

उन्होंने बताया कि बताया कि धान की पत्तियों के ऊपर से सूखने की वजह एक बैक्टीरिया होता है. इस बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी को बीएलबी (बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट) रोग या फिर पत्ती झुलसा रोग के नाम से जाना जाता है, अक्सर बारिश के मौसम में धान की फसल में गलन की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। 

धान की पत्तियों के सूखने पर करें ये उपाय

डा. सुनील ने बताया कि जब धान की फसल में नमी उत्पन्न होती है, इसके बाद ही धान की फसल में धान की पत्तियों के सूखने की समस्या आती है। इस दौरान किसान को सबसे पहले कासुगामाइसिन दवाई का 1 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें, इसी के साथ ही अगर फसल में शीथ ब्लाइट (गलन) भी आ जाती है, तो कासुगामाइसिन छिड़काव करने से दोनों बीमारियों फसल को छुटकारा मिल जाता है।

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इसी के साथ ही अगर किसान कासुगामाइसिन का छिड़काव नहीं करना चाहते हैं, तो आप कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से अपनी धान की फसल में छिड़काव करना चाहिए। इसका छिड़काव करने से धान में आ रही फसल सूखने और फसल गलने की समस्या दूर हो जाएगी।