हरियाणा के सिरसा का किसान इजराइल के मीठे पीले तरबूज तैयार कर कमा रहा है लाखों रुपये
सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सहायता करती है। मगर कई किसान आमदनी बढ़ने के लिए अपने अलग तरीके से खेती कर लखपति बन जाते हैं। ऐसा ही प्रगतिशील किसान है हरियाणा में सिरसा जिले के गांव रायपुर का किसान रामचंद्र, जिसने बीए की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इसके बाद वर्ष 2016 में खेत के अंदर एक एकड़ में सब्जी लगाकर बेचने का कार्य किया।
इसी बीच गांव ढूकड़ा निवासी मुरलीधर के लगाए गये तरबूज के बारे में पता चला। इस पर वर्ष 2020 में तरबूज लगाने का कार्य शुरू कर दिया। इसके बाद इजराइल के पीले तरबूज किस्म के बारे में पता चला। अब यह किस्म लगाकर काफी मुनाफा कमा रहा है। यानि किसान लखपति कुछ ही समय में बन गया।
अलग से बना ली पहचान
प्रगतिशील किसान रामचंद्र हर साल इजराइल के पीले तरबूज तैयार कर बेच रहा है। इससे जहां प्रगतिशील किसान ने अपनी पहचान बनाई है। किसान रामचंद्र बैनीवाल ने अपने खेत में पीले रंग का तरबूज लगाया हुआ है।
यह तरबूज लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र भी बन रहे है। खास बात ये भी है कि खेत से ही लोग तरबूज की खरीद कर रहे हैं। इसका स्वाद भी लोगों को खूब पसंद आता है।
40 रुपये के हिसाब से बिक रहा है पीले रंग का तरबूज
आपको बता दें कि आमतौर पर तरबूज के भाव अभी दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। जबकि इजराइल के तैयार किए गये विशेष किस्म के तरबूज रामचंद्र प्रति किलो 40 रुपये के हिसाब से बेच रहा है।
किसान रामचंद्र के अनुसार लाल रंग के तरबूज के मुकाबले पीले तरबूज का स्वाद ज्यादा बेहतर है और यह अधिक मीठा होता है। तरबूज का रंग ऊपर से तो हरा है लेकिन अंदर से पीला और लाल निकलता है। किसान रामचंद्र ने बताया कि पीले तरबूज के साथ-साथ हरिमिर्च, तोरी, ककड़ी, बैंगन, भिंडी, तर व खबूर्जा की खेती की हुई है।
जैविक तरीके से तैयार करता है तरबूज
गांव रायपुर के किसान रामचंद्र ने बताया कि इजराइल के तरबूज जैविक तरीके से तैयार कर रहा है। यह 60 दिन में तैयार होने वाली पीले तरबूज की खेती में गाय के गोबर की खाद डालता है। वहीं स्प्रे नीम, कोड़ तुंबा, आसकंद और जड़ी-बूंटी को मिलाकर तैयार मिश्रण से करता है।