हरियाणा में प्राथमिक शिक्षक संघ ने खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा-421 से जुड़े प्राथमिक शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। संघ के उपप्रधान दीपक कंबोज, धर्मेंद्र वरिष्ठ उप प्रधान, लखविंदर संगठन सचिव, दिनेश ऑडिटर, सुरेश रंगा, संजीव, राजीव, पूजा, प्रोमिला, नीरू मोंगा, सुभाष, राज सिंह ने बताया कि सदैव शिक्षा शिक्षक और स्कूलों के हितों में कार्य करने वाला संगठन है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ को उम्मीद ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप निम्नलिखित सभी समस्याओं का समाधान करके शिक्षकों को उनके मूल कार्य करने को प्रेरित करेंगे।
ये हंै प्राथमिक अध्यापकों की लंबित मांगें:
अध्यापकों ने बताया कि अध्यापकों की मांग अंत: जिला स्थानांतरण प्रक्रिया शीघ्र आरंभ कर प्राथमिक अध्यापकों के तबादले किए जाए। हाल ही में विभाग द्वारा जारी सरप्लस अध्यापकों को प्रतिनियुक्ति पर समायोजित करने की आड़ में विभाग द्वारा पूरे राज्य में 337 विद्यालयों को बंद किया जा रहा है, जोकि सरासर दूर दराज रह रहे। ग्रामीण परिवेश के लोगों व गरीब तबके क लोगों के लिए शिक्षा के अधिकार का हनन है। अत: विभाग स्कूल मर्जिंग बंद करें तथा ऑनलाइन व ऑफलाइन छात्र संख्या दोनों को मिलकर कुल छात्र संख्या अनुसार रैशनेलाइजेशन कर स्टाफ उपलब्ध करवाया जाए। सभी विषयों में पीआरटी से टीजीटी की पदोन्नतियां करके एक बार फिर से अंतर जिला ट्रांसफर ड्राइव चलाया जाए, जिसमें दिव्यांग शिक्षकों व महिला शिक्षिकाओं को वरीयता देकर उन्हें अपने गृह जिले मे जाने का मौका मिल सके।
छात्र-शिक्षक अनुपात 25-1 कर स्थाई अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। कर्मचारियों पर आश्रित उनके माता-पिता को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने मे सरकार द्वारा उनकी वार्षिक आय मात्र 42000 रूपए निर्धारित कर रखी है, जोकि बहुत कम है, जिस वजह से बूढ़े आश्रितों को चिकित्सा सेवा का लाभ नही मिलता जबकी आयुष्मान स्कीम के तहत 180000 रूपए से कम आय वालों को यह सुविधा मुफ्त मे उपलब्ध है। अत: हमारा आपसे अनुरोध है की कर्मचारियों पर आश्रित बूढ़े माता-पिता को चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाने में उनकी वार्षिक आय की कोई बाध्यता को समाप्त किया जाए। मान्यवर वर्ष 2016 से पहले प्राथमिक अध्यापकों के लिए म्यूच्यूअल बदली का प्रावधान था,
जिसमें दो अलग-अलग जिलों, विद्यालयों मे कार्यरत शिक्षकों को विभाग द्वारा आपसी उनकी सहमति का शपथ पत्र लेकर उनका आपस में म्यूचुअल स्थानांतरण कर दिया जाता है। म्यूच्यूअल स्थानांतरण का प्रावधान विभाग पुन: लागू किया जाए। विद्यार्थियों से किसी भी प्रकार की फीस/शुल्क न ली जाए तथा छात्र संख्या अनुसार हिंदी व अंग्रेजी माध्यम का स्टाफ उपलब्ध करवाया जाए।
एमडिशन प्रकिया सरल बनाई जाए । एडमिशन के समय परिवार पहचान पत्र की अनिवार्यता को खत्म कर विद्यालय के दाखिला रजिस्टर के दाखिला नंबर को ही रजिस्ट्रेशन का आधार मान एमआईएस पोर्टल पर बच्चों का एडमिशन होना सुनिश्चित किया जाए। प्राथमिक विद्यालय स्वतंत्र स्वायत्त संस्थान का दर्जा देते हुए अध्यापकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से दूर रखा जाए। पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश दिया जाए।