सीडीएलयू सिरसा में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के सिलेबस को गुणवत्तापरक बनाने के लिए किया ये कार्य

हरियाणा के सिरसा में स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के डीन अकादमिक अफेयर्स कार्यालय द्वारा शुक्रवार को विश्वविद्यालय के टैगोर भवन के एक्सटेंशन हाल में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के सिलेबस को गुणवत्तापरक बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश गहलावत द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पीजी स्तर पर 2025-26 से एनईपी को लागू किया जाएगा और इस संबंध में आर्डिनेंस तैयार हो चूका है। बेहतर पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य का निर्माण करता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देशभर की टॉप यूनिवर्सिटीज में चल रहे कोर्सेज के बारे में प्रतिभागियों को अवगत करवाना है। शिक्षकों को नवीनतम ज्ञान एवं शिक्षण विधि के बारे में निरंतर अपने आप को अपडेट रखना चाहिए।
इस कार्यशाला में मानविकी संकाय के अधिष्ठाता एवं अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर पंकज शर्मा ने बतौर रिसोर्स पर्सन शिरकत की और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यवस्थित प्रयोग से टीचिंग लर्निंग प्रोसेस को गुणवत्तापरक बनाया जा सकता है। उन्होंने बड़े ही बेहतरीन ढंग से प्रतिभागियों को बताया कि वे किस प्रकार बदलते हुए परिवेश में एक अच्छा सिलेबस तैयार करके विद्यार्थियों को व्यावहारिक रूप से दक्ष कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति के लिए उच्च शिक्षा आवश्यक है और शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ विद्यार्थियों को व्यावहारिक रूप से दक्ष करना भी है। उन्होंने करिकुलम डेवलपमेंट में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न ए आई टूल्स की जानकारी प्रतिभागियों को दी और बताया कि किस प्रकार स्किल और जॉब रिलेटेड कोर्सेज को पाठ्यक्रम में शामिल करके विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। प्रोफेसर पंकज ने ए आई तथा डिजिटल इंटरफेस की विभिन्न तकनीको के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया और विभिन्न ए आई प्रोम्पट्स के साथ-साथ सर्च इंजंस के बदलते परिवेश पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर राजकुमार सालार, डीन यूएसजीएस प्रोफेसर सुशील कुमार, प्रोफेसर रानी, प्रोफेसर हरीश, प्रोफेसर सत्यवान दलाल, सहित विभिन्न फैकल्टी सदस्य और शोधार्थी उपस्थित थे।
कार्यशाला में सिलेबस की संरचना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, मल्टीडिसिप्लिनरी एप्रोच, और स्किल डेवेलपमेंट के घटकों पर विचार-विमर्श हुआ। प्रतिभागियों ने समूहों में वर्तमान पाठ्यक्रम का विश्लेषण करते हुए, रोजगारोन्मुखी विषयों जैसे डिजिटल मीडिया, उद्यमिता, डेटा एनालिटिक्स, जनसंपर्क, स्टार्टअप संस्कृति, और सॉफ्ट स्किल्स को शामिल करने का सुझाव दिया।