सीडीएलयू में संस्कृत विभाग में सप्तदिवसीय कार्यशाला : संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि समस्त ज्ञान विज्ञान का आधार

हरियाणा में सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के संस्कृत विभाग में सप्त दिवसीय संस्कृत भाषा कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा के व्याकरण, उच्चारण और साहित्यिक पहलुओं से अवगत कराना है।
कार्यशाला के प्रथम दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग से प्रो. अशोक कुमार उपस्थित रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में संस्कृत भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे भारतीय संस्कृति की आत्मा बताया।
उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि समस्त ज्ञान-विज्ञान का आधार है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीनिवास शास्त्री ने भी अपने विचार साझा किए।
विभागाध्यक्ष डॉ रवीद्र ने कार्यशाला के बारे बताते हुए कहा की कार्यशाला आगामी छह दिनों तक जारी रहेगी, जिसमें संस्कृत भाषा के व्याकरण, उच्चारण, पठन-पाठन तथा साहित्यिक दृष्टिकोण पर गहन चर्चा की जाएगी। विद्यार्थियों को संस्कृत के प्राचीन ग्रंथों और उनके व्यावहारिक उपयोग के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस कार्यशाला का समापन 27 मार्च 2025 को होगा, जिसमें प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।
इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए श्री नवीन कौशल जी को मुख्य शिक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया। उन्होंने पहले दिन विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा की मूलभूत जानकारी प्रदान की और इसे सीखने की विभिन्न विधियों पर प्रकाश डाला।
संस्कृत विभाग के शिक्षक डॉ. राकेश कुमार और डॉ. सीमा ने भी इस कार्यशाला में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा का अध्ययन केवल शास्त्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आधुनिक युग में भी उपयोगी सिद्ध हो सकती है। शोधार्थी भूपेंद्र ने भी कार्यशाला में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और विद्यार्थियों के साथ संवाद स्थापित किया।कार्यशाला के प्रथम दिन लगभग 50 विद्यार्थी उपस्थित रहे। उन्होंने संस्कृत भाषा को सीखने के प्रति अपनी रुचि दिखाई और इस कार्यशाला से अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की।