महाशिवरात्रि पर्व: शिव को प्रणाम कैसे करें, कौन सी दिशा से शिवलिंग पर जल चढ़ाना हैं: पंडित गिरिशानंद

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हरियाणा में सिरसा की मुल्तानी कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में भगवान शिव चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित पांच दिवसीय कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए पंडित गिरिशानंद शास्त्री
(उत्तराखंड वाले) ने भगवान शिव की सुंदर कथा का वर्णन शिवलिंग उत्पत्ति की कथा रूद्राक्ष, भस्म और शिव पूजन की महिमा के विषय में बताया कि जीवन में जो भी हासिल होता है वह आपके प्रयत्न का परिणाम है। शिव की भक्ति बड़ी निराली है।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव तो सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव की नित्य विधिवत पूजा करने से वह अति प्रसन्न होते हैं और जीवन में खुशहाली ही खुशहाली लाते हैं। उन्होंने कहा कि मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान शिव के सामने बैठकर ओम नमो भगवते रुद्राय का जाप करें। शिव को महाकाल कहा जाता है। अर्थात शिव अपने स्वरूप द्वारा पूर्ण सृष्टि का भरण पोषण करते हैं।
पंडित गिरिशानंद शास्त्री ने बताया कि शिव को प्रणाम कैसे करें, कौन सी दिशा से शिवलिंग पर जल चढ़ाना है। शिव पूजा कब और कैसे करनी है। घर पर शिवलिंग रखना उचित है या नहीं। घर में शिवलिंग रखने के क्या फायदे हैं। विल्ब पत्र कैसे चढ़ाये जाते हैं, कौन सी वस्तु शिव को प्रिय है। सभी विधान विधिपूर्वक बताए। इस मौके पर तुलसी मेहता, कृष्ण लाल बांसल, जगत मेहता, कृष्णा रानी, सरोज मेहता, देसराज मेहता, भगवान चावला, विनोद जग्गा, ओमप्रकाश मेहता, रघुनाथ रहेजा, कृष्ण काठपालिया, मा. धर्मचंद वधवा ने कथा दौरान आरती की। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं का प्रसाद वितरित किया गया।