चौपटा क्षेत्र में चेतावनी के बाद भी किसानों ने कर दी धान की रोपाई शुरू, नहरों में टेल पर नहीं पहुंच रहा पीने का पानी, यहां पर धान की खेती

 
Despite the warning, farmers in the Chaupata area have started planting paddy, drinking water is not reaching the tail end of the canals, paddy is being cultivated here
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 Despite the warning, farmers in the Chaupata area have started planting paddy, drinking water is not reaching the tail end of the canals, paddy is being cultivated here

mahendra india news, new delhi
चौपटा क्षेत्र के गांवों में किसानों को चेतावनी के बाद भी धान की रोपाई शुरू कर दी। भंयकर गर्मी में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। यहां पर धान की खेती की जा रही है। कृषि विभाग ने गिरते भूजल स्‍तर को ध्यान में रखते हुए किसानों को 15 जून से पहले धान की बुवाई नहीं करने के आदेश जारी किए। अगर कोई किसान 15 जून से पहले धान की रोपाई करता पाया गया तो उसकी फसल तुरंत नष्‍ट कर दी जाएगी. मगर ये आदेश धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं।  

टेल के गांवों में नहीं पीने का पानी
सिरसा जिला में नहरों व टेल पर पड़ने वाले गांवों में पीने के पानी की हमेशा समस्या रहती है। चौपटा क्षेत्र के गांव लुदेसर, नाथूसरी कलां व अन्य गांवों में धान की किसान रोपाई कर रहे हैं। नहरों से कई किसान सीधे तौर पर पानी की चोरी कर धान की रोपाई कर रहे हैं। जबकि कृषि विभाग के अधिकारियों ने धान की रोपाई करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। 


आदेश तोड़ने पर क्‍या कार्रवाई 
जिला प्रशासन की तरफ से पिछले दिनों धान की बुवाई को लेकर साफ निर्देश जारी किए गए हैं। उन्‍होंने साफ कर दिया है कि निर्धारित तिथि से पहले अगर धान की रोपाई हुई तो फिर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो भी किसान इस आदेश को तोड़ेगा उस पर जुर्माना तो लगाया ही जाएगा साथ ही साथ उसकी फसल को नष्‍ट कर दिया जाएगा. साथ ही फसल नष्‍ट करने का खर्च भी किसान से ही वसूला जाएगा। 

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हरियाणा में भूजल संकट 
पहरियाणा में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है. धान एक ऐसी फसल है जिसे बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है. समय से पहले धान की रोपाई करने से गर्मी के मौसम में पानी की खपत बहुत बढ़ जाती है, इससे भूजल स्तर और नीचे चला जाता है. हरियाणा सरकार ने साल 2009 में 'हरियाणा प्रिजर्वेशन ऑफ सबसॉयल वाटर एक्टÓ को लागू किया था. इस एक्‍ट के तहत 15 जून से पहले धान की बुवाई और रोपाई पर सख्त प्रतिबंध है. 


कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. सुखदेव सिंह ने कहा कि चौपटा क्षेत्र में किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है। इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो पता कर धान की रोपाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसानों से अपील की है कि वे जिम्मेदारी समझते हुए निर्देशों का पालन करें। भूजल प्रकृति की सबसे बेशकीमती धरोहर है जिसे बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। किसानों से अनुरोध किया है कि वो निर्धारित तिथि के बाद ही अपने खेतों में धान की रोपाई करें और इसके पहले किसी भी हालत में पानी न छोड़े।  

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