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Goat: बकरी के बच्चों को मरने से बचाने के लिए अभी शुरू करें ये काम, जाने एक्स्पर्ट्स की राय

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 Goat: बकरी के बच्चों को मरने से बचाने के लिए अभी शुरू करें ये काम, जाने एक्स्पर्ट्स की राय 

Goat: गरीब व्यक्ति घर का गुजरा करने के लिए बकरी पालन करता है। इस बकरी पालन से ही उसकी दिनचर्या चलती है। इसी के साथ जिस व्यक्तिके पास बाड़े में जितनी अधिक बकरे-बकरियां होंगे तो आमदनी भी उतनी ही अधिक होगी। 

Goat Expert संदीप कुमार मेहरा की मानें तो ये बकरी पालन का गुरुमंत्र है. और ये मुमकिन होता है बकरी के बच्चों की मृत्यु दर कम करने से, उनके अनुसार बकरी पालन की अधिक आमदनी पूरी तरह से बकरी द्वारा दिए जाने वाले बच्चों पर ही निर्भर करता है।

इसके लिए बकरा हो या बकरी अगर बच्चा दो से तीन माह का है तो बाजार में उसके 3 से 4 हजार रुपये आसानी से मिल जाते हैं, क्योंकि आज दूध से अधिक मीट के लिए बकरी पालन किया जाता है। 

इसी के साथ ही आपको बता दें कि और कहीं अगर आपने एक वर्ष तक बच्चे को पाल लिया तो फिर बकरा 15 से 20 हजार में और बकरी 12 से 15 हजार रुपये तक में आसानी से बिक जाता है। लेकिन इसके लिए जरूरी ये है कि बकरी के बच्चों की मृत्यु दर को कैसे कम और समाप्ता किया जाए। इसके लिए एनिमल Expert एक सबसे बढ़िया तरीका बताते हैं बकरी को गाभि‍न कराने के वक्त का प्रबंधन किया जाए। 

बकरी से बच्चा कब चाहिए

Goat Expert Dr. संदीप मेहरा के अनुसार  मौसम गर्मी का हो या सर्दी-बारिशका. अगर भीषण गर्मी और कड़ाके की सर्दियों में बकरी के बच्चे जन्म लेते हैं तो उनका बीमारियों की चपेट में आना तय है। बारिश के मौसम में संक्रमण की गिरफ्त में आ जाते हैं. इसलिए बकरी के बच्चों का जन्म ऐसे समय में हो जब ना तो अधिक गर्मी हो और ना ही ज्यादा सर्दी। 

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योजनाएं ऐसे बनाएं कि बारिश के मौसम में बकरी बच्चों को जन्म ना दे. इस सब के लिए जरूरी ये है कि हम बकरी को गाभि‍न कराने के लिए एक चॉर्ट तैयार करें। इसके लिए खासतौर से उन पशुपालकों के लिए इस तरह का चॉर्ट बनाना जरूरी है जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार सहित उत्तर भारत के सभी प्रदेशों में बकरी पालन करते हैं. क्योंकि इन राज्यों में मौसम का सबसे ज्यादा उलटफेर देखा जाता है.   

इन माह में कराएं गाभिन 

Dr. संदीप मेहरा बताते हं कि बकरी को गाभि‍न कराने का सबसे सही समय है अप्रैल-जून और अक्टूबर-नवंबर का है। क्योंकि ऊपर बताए गए माह में बकरी को गाभि‍न कराने से वो ऐसे मौसम में बच्चा देगी जब ना तो अधिक गर्मी होगी और ना ही सर्दी।

इसी के साथ ही जैसे ही जब तक मौसम पीक पर आएगा तो बच्चा बड़ा होकर बीमारियों की चपेट में आने से बच जाएगा। क्योंकि उसके अंदर बीमारियों से लड़ने की क्षमता आ जाएगी। इसलिए चॉर्ट के अनुसार ये जरूरी है कि बकरी को 15 अप्रैल से 30 जून तक बकरी को गाभिन कराए।

इसी के साथ Dr. संदीप ने बताया कि आगे की बात करें तो अक्टूबर और नवंबर में बकरी को गाभिन करा सकते हैं।  ऐसा करने से जो बकरी अप्रैल से जून माह तक गाभिन हुई है वो अक्टूबर-नवंबर में बच्चा दे देगी। वहीं जो अक्टूबर-नवंबर में गाभिन हुई है वो फरवरी-मार्च में बच्चा देगी।