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नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने पीजोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर आधारित एक पीजोइलेक्ट्रिक फुटपाथ विकसित किया, सिरसा के अंकुर वर्मा का रहा विशेष सहयोग

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 नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने पीजोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर आधारित एक पीजोइलेक्ट्रिक फुटपाथ विकसित किया, सिरसा के अंकुर वर्मा का रहा विशेष सहयोग
mahendra india news, new delhi
सिरसा के अंकुर वर्मा ने नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु में पीजोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर आधारित एक पीजोइलेक्ट्रिक फुटपाथ विकसित करने में विशेष भूमिका निबाई है। नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (सीएसआईआर-एनसीएल), पुणे के वैज्ञानिकों के सहयोग से नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र ,बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने एक नव विकसित पीजोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर आधारित एक पीजोइलेक्ट्रिक फुटपाथ विकसित किया है।
 नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने पीजोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर आधारित एक पीजोइलेक्ट्रिक फुटपाथ विकसित किया, सिरसा के अंकुर वर्मा का रहा विशेष सहयोग

सिरसा के अंकुर वर्मा भी उन शोधकर्ताओं में से एक हैं जो नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) कर रहे हैं। उन्होंने फिजिक्स में मास्टर्स किया और फिर रिसर्च में अपना करियर शुरू किया। वह पीजोइलेक्ट्रिक अनुप्रयोगों के लिए उपकरण निर्माण की विभिन्न तकनीकों पर शोध कर रहे हैं। 

पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री वे हैं जो यांत्रिक बल के अधीन होने पर बिजली का उत्पादन करती हैं। शोधकर्ता ने धातु-कार्बनिक ढांचे को संश्लेषित किया, जिन्हें ज़िरकोनिया नैनोकणों में परिवर्तित किया गया। पॉलिमर मैट्रिक्स में विभिन्न क्रिस्टल संरचनाओं के साथ इन नैनोकणों को शामिल करके पॉलिमर नैनोकम्पोजिट फिल्में बनाई गईं। 
 नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने पीजोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर आधारित एक पीजोइलेक्ट्रिक फुटपाथ विकसित किया, सिरसा के अंकुर वर्मा का रहा विशेष सहयोग

उन्होंने बताया कि फिर टीम ने पीज़ोइलेक्ट्रिक ऊर्जा उत्पादन और सेंसिंग अनुप्रयोगों पर ज़िरकोनिया नैनोकणों की विभिन्न क्रिस्टल संरचनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन किया। अंत में, उन्होंने एक फुटपाथ प्रोटोटाइप विकसित किया जो उस पर चलकर ऊर्जा उत्पन्न करता है। इन फुटपाथों का उपयोग पैदल पथों, मैदानों, प्लेटफार्मों या किसी भी ट्रैक पथ पर किया जा सकता है और चलने से ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है और बैटरी और सुपरकैपेसिटर में संग्रहीत की जा सकती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने इसकी सराहना की और इसे द हिंदू और बेंगलुरु के एक समाचार पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया।
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 नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने पीजोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पर आधारित एक पीजोइलेक्ट्रिक फुटपाथ विकसित किया, सिरसा के अंकुर वर्मा का रहा विशेष सहयोग