सीडीएलयू सिरसा में स्मार्ट कृषि : खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए खाद्य नैनो प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग पर हुई चर्चा

 
Smart Agriculture: Application of Food Nanotechnology for Food and Nutrition Security discussed at CDLU Sirsa
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 Smart Agriculture: Application of Food Nanotechnology for Food and Nutrition Security discussed at CDLU Sirsa
mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा "स्मार्ट कृषि : खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए खाद्य नैनो प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग" विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय हिसार के प्रोफेसर नीरज दिलबागी ने भारतीय कृषि और खाद्य तकनीकी में नैनो प्रौद्योगिकी की अपार संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए।
प्रोफेसर दिलबागी ने नैनो तकनीकी के कृषि क्षेत्र में होने वाले संभावित सुधारों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया, मृदा गुणवत्ता में सुधार, नियंत्रित उर्वरक उपयोग, और अन्य नैनो उत्पादों का उपयोग करके हम कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं, जिससे बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। इफको द्वारा तैयार नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, और नैनो जिंक जैसे नैनो उर्वरक किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं। इनका उपयोग करने से कृषि लागत में कमी हो रही है और सरकार पर सब्सिडी का दबाव भी घट रहा है।


इसी तरह खाद्य प्रसंस्करण में नैनो प्रौद्योगिकी के उपयोग से पोषक तत्वों को संरक्षित किया जा सकता है, जिससे बेहतर गुणवत्ता वाला भोजन तैयार किया जा सकता है। नैनो तकनीकी के माध्यम से खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग गुणवत्ता में भी वृद्धि हो सकती है। नैनो एमलशन, पौष्टिक औषधिय आहार, जल शोधन और ई-संवेदी उपकरण बनाने में नैनो तकनीकी नई क्रांति ला रही है।


विभाग की अध्यक्ष डॉ. संजू बाला ढुल ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और विद्यार्थियों को प्रोफेसर दिलबागी की महत्वपूर्ण उपलब्धियों से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर दिलबागी के 200 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं और अब तक 150 से अधिक विद्यार्थियों को शोध में मार्गदर्शन प्रदान कर चुके हैं। डॉ. संजू बाला ढुल ने कहा कि इस विस्तार व्याख्यान का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई के दिशा निर्देशन में किया गया है।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मंजू नेहरा ने किया। इस अवसर पर डीन अकादमिक अफेयर प्रो. एस. के. गहलावत, पर्यावरण एवं ऊर्जा विज्ञान और बॉटनी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद कासिफ किदवई, डॉ. पवन रोज, डॉ. आलोक, डॉ. विकास, डॉ. बृजलाल और लाइफ साइंसेज के अन्य सभी फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे

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