सावन महाशिव पर्व पर ऐसे करें शिव भगवान का पूजन; छप्पर फाड़कर आऐगा धन

सावन माह में भगवान शिव की पूजा की जाती है। हरिद्वार से कावंड लेकर शिव मंदिर में चढ़ाई जाती है। आज महाशिव रात्रि पर्व है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि या मास शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि सावन मास की शिवरात्रि का महत्व खास होता है। इस बार तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है।
सावन माह की शिवरात्रि पर्व पर शिव मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे शुरू होगी और अगले दिन, 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 बजे समाप्त होगी इसलिए सावन शिवरात्रि का पर्व 2 अगस्त को मनाया जाएगा।
ज्योतिषचार्य पंडित नीरज शर्मा ने बताया कि सावन शिवरात्रि हर वर्ष मनाई जाने वाली बारह शिवरात्रियों में से एक है. सावन के माह में पड़ने वाली यह शिवरात्रि भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। पूजा कि विधि भी अहम होती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना श्रेयस्कर होता है।
भगवान शिव की ऐसे करें पूजन
सावन माह में शिव रात्रि पर्व को लेकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसी के साथ ही व्रत का संकल्प लें, अगर मंदिर न जा पाएं तो घर में जहां ही एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति रखें।
ज्योतिषचार्य ने बताया कि भगवान शिव भोलेनाथ को कच्चे दूध, दही, गंगाजल और जल से स्नान कराएं और बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाएं, शुद्ध घी का दीपक जलाएं, आरती करें और शिव मंत्रों का जाप करें, इसी के साथ ही शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी है। अंत में प्रसाद के रूप में खीर, फल और हलवा चढ़ाएं और लोगों में बांटें दें।
मान्यता है कि भगवान भोले बाबा की मनोयोग से की गई पूजा का फायदा मिलता है। दांपत्य जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं और अविवाहित युवक या युवती की शादी का संयोग बनता है।