कैसे बायोइंफॉर्मेटिक्स जीनोमिक्स, कैंसर अनुसंधान और व्यक्तिगत चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला रहा है
हरियाणा के सिरसा में स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के बॉटनी विभाग द्वारा आयोजित "फाउंडेशन नॉलेज एंड कॉन्सेप्ट बिल्डिंग इन बायोइंफॉर्मेटिक्स" कार्यशाला के दूसरे दिन यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया के इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोसाइंस में कैंसर बायोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. गगनदीप सिंह ने बायोइंफॉर्मेटिक्स के विविध इस्तेमाल के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे बायोइंफॉर्मेटिक्स जीनोमिक्स, कैंसर अनुसंधान और व्यक्तिगत चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला रहा है।
डॉ. गगनदीप सिंह ने कहा कि बायोइंफॉर्मेटिक्स का प्रयोग औषधि खोज के क्षेत्र में भी बढ़-चढ़ कर किया जा रहा है। उन्होंने अपनी प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि कैसे कम्प्यूटेशनल विधियों का उपयोग प्राकृतिक स्रोतों से नए चिकित्सीय एजेंटों की पहचान और विकास के लिए किया जा रहा है। बायोइंफॉर्मेटिक्स के इस नए उपयोग पर उनकी प्रस्तुति ने प्रतिभागियों के बीच विशेष उत्सुकता पैदा की, जो यह समझने के लिए उत्सुक थे कि ये तकनीकें उनके अपने अनुसंधान और व्यावसायिक प्रयासों को कैसे बढ़ावा दे सकती हैं।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने बायोइंफॉर्मेटिक्स के प्रयोगों और अनुसंधान व चिकित्सा को आगे बढ़ाने की इसकी संभावनाओं के बारे में गहरी समझ के साथ कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला का संचालन बॉटनी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. ज्योति द्वारा किया गया, जबकि खाद्य विज्ञान विभाग की अध्यक्ष, डॉ. संजू बाला ढुल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।