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हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों ने लिया ये निर्णय, रोडवेज कर्मचारियों की ये हैं मांग

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हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों ने लिया ये निर्णय, सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी कुछ मांगों पर सहमति नहीं बनी

mahendra india news, new delhi

हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों ने मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन करने वाले हैं। रोडवेज कर्मचारियों ने मांगों को लेकर रणनीति बनाई है। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन रजि. नं. 1 स बन्धित सर्व कर्मचारी संघ राज्य कमेटी मीटिंग कर्मचारी भवन रोहतक में राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। 

राज्य प्रेस सचिव व सिरसा डिपो प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने बताया कि मीटिंग का संचालन राज्य महासचिव सुमेर सिवॉच ने किया। बैठक में संगठन की मजबूती के लिए 28 जून व 29 जून को रोहतक कर्मचारी भवन में दो दिवसीय शिक्षा शिविर लगाने का फैसला लिया गया। 

यूनियन के राज्य प्रधान नरेन्द्र दिनोद, महासचिव सुमेर सिवाच, वरिष्ठ उप प्रधान शिवकुमार श्योराण एवं उपप्रधान जयकुंवार दहिया ने संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया कि हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी सांझा मोर्चा के बैनर तले लंबे समय से आंदोलन पर है। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद कुछ मांगों पर सहमति भी बनी, लेकिन सरकार ने उन मांगों को अभी तक लागू नहीं किया उल्टा कर्मचारियों को टीए ओवर टाइम कम कर दिया। अर्जित अवकाश कम कर दिए गए। प्रांतीय नेताओं ने कहा ग्रामीण क्षेत्र में बसों की नाइटे बंद कर दी गई, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। 


इस बैठक में मांग की गई कि यूनियन के सुझाव के अनुसार सभी रूटों का सर्वे रोडवेज की बस द्वारा समय सीमा निर्धारित स्पीड के अनुसार दोबारा किया जाए। सभी बस स्टॉप के अनुसार प्रत्येक स्टॉप पर 2 मिनट, टोल प्लाजा पर 5 मिनट, टिकट बॉक्स बनवाने व गाड़ी चेकिंग करवाने की 35 मिनट, काउंटर टाइम 15 मिनट और शहरों के अंदर के जाने की स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से तय की जाए। रास्ते में आने वाले बड़े बस स्टैंड के बूथ टाइम को जोड़कर ओवर टाइम पॉलिसी बनाई जाए। मीटिंग में भविष्य में आंदोलन तेज करने के लिए व संगठन की मजबूती के लिए हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन राज्य कार्यकारिणी का दो दिवसीय शिक्षा शिविर 28-29 जून को रोहतक में आयोजित करने का फैसला लिया गया। कर्मचारी नेताओं ने बताया सरकार की वादाखिलाफी को लेकर आंदोलन की शुरुआत करते हुए सभी डिपूओं में प्रदर्शन करते हुए यूनियन द्वारा नया मांग पत्र महाप्रबंधकों के माध्यम से सरकार और विभाग के महानिदेशक को भेजने का निर्णय लिया गया। सभी डिपो में कार्यकारणी की मीटिंग करके आगामी आंदोलन में बढ़-चढ़कर कर भाग लेने के लिए राज्य राज्य प्रधान महासचिव अन्य राज्य पदाधिकारी के साथ सभी डिपो का दौरा किया जाएगा।

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प्र्रांतीय नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मानी हुए मांगों को लागू नहीं किया तो कर्मचारी दोबारा बड़े आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कर्मचारियों के प्रति बेरुखी का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। कर्मचारी नेताओं ने चालक, परिचालकों व लिपिको का वेतनमान बढ़ाने, किलोमीटर स्कीम बसों को ठेके पर लेने कि नीति व 265 रुट परमिट पॉलिसी वापस लेने, तकनीकी वेतनमान से वंचित कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देने, चालक परिचालकों निरीक्षक उप निरीक्षक व कर्मशाला के कर्मचारियों के अर्जित अवकाश कटौती पत्र वापस लेने, गु्रप डी के कर्मचारीयों को कामन कैडर से बाहर करने, तकनीकी पदों पर प्रमोशन देने, सरकार ने 2 साल का बोनस देने पर व वेतन विसंगति दूर करने तथा सभी खाली पदों पर प्रमोशन करने की मांग की। अंबाला डिपो के चालक की हत्या के बाद हुए समझौते को भी पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया है। नेताओं कहा उपरोक्त सभी मांगों को लागू न करके सरकार ने वायदा खिलाफी की है। उन्होंने कहा यूनियन व सांझा मोर्चा निर्णायक आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। 


इस अवससर पर राज्य कोषाध्यक्ष सुशील ईक्कस, मुख्य संगठन सचिव रमेश श्योकंद, सचिव कृष्ण ऊण, राज्य उपप्रधान जयकुंवार दहिया, विक्रम कैथल व महिपाल सोढे, कार्यालय सचिव सतबीर मूढाल व सचिव सुबेसिंह धनाना सहित केंद्रीय कमेटी सदस्यों ने भाग लिया।