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सिर्फ 90 दिन में तैयार हो जाती है आलू की यह किस्म, जान लें कैसे करें खेती

 
This variety of potato is ready in just 90 days, know how to cultivate it
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 This variety of potato is ready in just 90 days, know how to cultivate it
mahendra india news, new delhi

किसान खेती के साथ सब्जियों का उत्पादन लेकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इनमें सबसे ज्यादा आमदनी आलू की खेती कर ले सकते हैं। वैसे आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है. इसकी खेती से आप साल भर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.

आपको बता दें कि आलू की कुफरी जामुनिया काफी अच्छी क‍िस्मों में ग‍िनी जाती है, जो कम समय में अच्छी फसल देने वाली फसल है। ये मध्यम अवधि और अधिक उपज देने वाली नई उन्नत प्रजाति है. यह बुवाई से लेकर कटाई तक करीबन 90 दिन में ही तैयार हो जाती है। 

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इसकी औसत उपज 320-350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है. यह बायोफोर्टिफाइड प्रजाति है. इसल‍िए इसमें पोषण की मात्रा अधिक है। आपको बता दें कि विशेष रूप से, कुफरी जामुनिया में एंथोसायनिन उच्च मात्रा में होता है, जो इसके जीवंत बैंगनी गूदे में पाए जाने वाला शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं.


इसकी जुताई के वक्तखेत में अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद 15 से 30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिला देनी चाहिए. रासायनिक खादों का इस्तेमाल म‍िट्टी की उर्वरा शक्ति, फसलचक्र और प्रजाति पर निर्भर होता है. 


ये भी बता दें कि आलू की बेहतर फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 150 से 180 क‍िलोग्राम नाइट्रोजन, 60-80 क‍िलोग्राम फॉस्फोरस और 80-100 क‍िलोग्राम पोटाश का प्रयोग करें। फॉस्फोरस, पोटाश और नाइट्रोजन की मात्रा बुवाई के समय ही खेत में डालनी होती है. बची हुई नाइट्रोजन को मिट्टी चढ़ाते समय खेत में डाला जाता है। 

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ये भी बता दें कि एक हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की बुवाई के लिए करीबन 25-30 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है. खेत में उर्वरकों के इस्तेमाल के बाद ऊपरी सतह को खोदकर उसमें बीज डालें और उसके ऊपर भुरभुरी मिट्टी डाल दें। करीबन 70 से 90 दिनों में आलू के फसल तैयार हो जाएंगे, इसे आप जमीन से निकाल सकते हैं।