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किसान जैविक कपास खेती को दे बढ़ावा, उत्पादन व आय में होगी बढ़ोतरी : डॉ सिहाग

 
Farmers should promote organic cotton farming, production and income will increase: Dr. Sihag
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 Farmers should promote organic cotton farming, production and income will increase: Dr. Sihag
mahendra india news, new delhi

हरियाणा के सिरसा में स्थित केन्द्रीय कपास अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, सिरसा में संयुक्त निदेशक (कपास) डा. राम प्रताप सिहाग की अध्यक्षता में जैविक कपास की खेती को बढावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न जिलों से कृषि विभाग उप कृषि निदेशक, विषय विशेषज्ञ (टी0एण्ड आई0), सहायक पौधा सरंक्षण अधिकारी एंव तकनीकी सहायक अधिकारी, केन्द्रीय कपास अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, सिरसा के वैज्ञानिकों तथा बी टी बीज कम्पनियों के पदाधिकारी, इनपुट डीलर एंव कपास निगम के अधिकारियों ने भाग लिया।


संयुक्त निदेशक (कपास) डॉ राम प्रताप सिहाग ने कहा कि जैविक कपास खेती से न केवल कपास उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि किसान इससे अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का भी उद्देश्य भी किसानों को जैविक कपास खेती की ओर अग्रसर करना है। उन्होंने देसी कपास का उत्पादन करके अधिक आमदनी बढाने बारे में भी किसानों को विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान  उन्होंने किसानों को स्वयं किस प्रकार से जैविक देसी कपास का बीज तैयार कर सकते हैं, इस बारे जानकारी दी व जैविक कपास की खेती को बढावा देने के लिए विस्तृत रूप से चर्चा की। 
 कार्यशाला में पंजाब से आए 'खेती विरासत मिशन ट्रस्ट' की निदेशक श्रीमति रूपसी गर्ग, प्रगतिशील किसान राजा राम व मनवीर  आदि  ने जैविक कपास की खेती पर अपने-अपने अनुभवों और विचारों को सांझा किया। 


केंद्रीय कपास अनुसंधान के अध्यक्ष डा. ऋषि कुमार ने उतरी भारत में पिछले वर्ष कपास की फसल के बारे में विस्तारपूवर्क चर्चा की तथा मुख्य कीटों से बचाने के लिए गत वर्ष में जैविक कपास की खेती के उत्पादन एंव भण्डारण आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई ताकि भविष्य में किसानों द्वारा कपास फसल का उत्पादन करके आमदनी को बढ़ा सके । 
प्रधान विज्ञानिक डॉ एस.के. वर्मा ने जैविक कपास की खेती को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तरीकों एंव पद्धतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसी प्रकार प्रधान वैज्ञानिक डॉ एस. के सैन व डा. अमरप्रीत सिहँ ने कपास की फसल में प्राकृतिक खेती के लिए कपास के रोग नियंत्रण एंव फसल उत्पादन विधियों का उल्लेख किया। उप कृषि निदेशक डा. सुखदेव ने बताया कि जैविक कपास की खेती को बढ़ावा देने के लिए एफ.पी.ओ. / किसान कल्ब के माध्यम से इस अभियान को चलाकर इस दिशा में ज्यादा सफलता मिल सकती है । वैज्ञानिक डॉ सुभाष चन्द्रा ने कपास फसल की उन्नत किस्मों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा कार्यशाला में आए हुए सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों तथा किसानों का धन्यवाद किया ।

 

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